तालिबान के हाेते हुए काबुल एयरपाेर्ट पर कैसे हुआ फिदायनी हमला : अमेरीका

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को काबुल एयरपोर्ट के बाहर बुधवार रात तक हमले का अंदेशा था और इस क्रम में अपने नागरिकों को एयरपोर्ट से दूर रहने की चेतावनी भी दी थी। इसके मात्र 12 घंटे बाद एक आत्मघाती हमलावर अमेरिकी सैनिकों की तैनाती वाले गेट के करीब पहुंचा और तभी धमाका हो गया, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक और 79 अफगानी नागरिकों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट के खुरासान ने ली है।

युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में पिछले दो दशक से मौजूद अमेरिकी सैनिकों के लिए यह सबसे बड़ा नुकसान है। अमेरिका ने इस हादसे को लेकर जांच शुरू कर दी है। इसमें सबसे अहम सवाल है- तालिबान की चौकियों के बीच से हमलावर कैसे पहुंचा और चेतावनी के बावजूद अमेरिकी सैनिक लापरवाह क्यों थे?
यूएस सेंट्रल कमांड के हेड जनरल फ्रैंक मैककेंजी ने हमले के कुछ घंटों बाद कहा कि कहीं कुछ गलती रह गई, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जवानों को लोगों के संपर्क में आना मजबूरी है।

क्योंकि जो लोग निकासी विमानों में सवार हो रहे हैं, उनकी स्क्रिनिंग करना भी जरूरी है। नाम न बताने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि हमले का प्लान महीनों पहले ही बना लिया गया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 31 अगस्त तक पूरी तरह सेना वापसी का ऐलान किया है। गुरुवार को इस हमले को लेकर भावुक हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने कसम खाई थी कि इस हमले के पीछे जिनका हाथ है, उसे अमेरिका खोज कर मारेगा।

राष्ट्रपति बाइडन ने पेंटागन को इसकेे जवाब में हमले की तैयारी का निर्देश भी दिया था। शुक्रवार को अमेरिकी सेना ने बताया कि इसने ड्रोन से हमला कर दिया, जिसमें पूर्वी अफगानिस्तान में मौजूद इस्लामिक स्टेट के उस आतंकी को मार गिराया, जिसने एयरपोर्ट के बाहर इतने बड़े हमले की योजना बनाई थी।