कोरोना में मौसम की भी मार: किसानों की मेहनत पर पानी, पहाड़ बर्फ से ढके

खराब मौसम के कारण 179 सडक़ें, दो नेशनल हाईवे, एक राज्यमार्ग यातायात के लिए बंद

उज्जवल हिमाचल। शिमला/कुल्लू

हिमाचल में बेमौसमी बरसात ने प्रदेश में खूब कहर मचाया है। एक ओर जहां पहाड़ बर्फ से लकदक हो गए हैं वही मैदानों में किसानों को बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पहले से सूखे से खराब हुई गेहूं अब लगतार बारिश के चलते खराब हो चुकी है। वहीं हिमाचल प्रदेश में येलो अलर्ट के बीच जारी बारिश, अंधड़ और ओले गिरने से शिमला, सोलन और मंडी में सेब, शिमला मिर्च और टमाटर को भारी नुकसान हुआ है। वहीं निचले इलाकों में आम और गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ हैर्। ओलावृष्टि ने किसानों-बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। प्रदेश खराब मौसम के कारण 179 सडक़ें, दो नेशनल हाईवे, एक राज्यमार्ग यातायात के लिए बंद हो गया है।

मनाली में 25 साल के बाद अप्रैल के अंतिम सप्ताह में बर्फबारी

पर्यटन नगरी मनाली में 25 साल के बाद अप्रैल के अंतिम सप्ताह में बर्फबारी हुई है। हालांकि लाहुल सहित रोहतांग, सोलंगनाला व मनाली के ऊंचाई वाले पर्यटन स्थलों में अप्रैल मई महीने में बफऱ्बारी होना आम बात है लेकिन पर्यटन नगरी मनाली में इससे पहले 11 अप्रैल 1996 को बर्फ के फाहे गिरे थे। सर्दियों में नाममात्र बर्फबारी ने बागवानों की चिंता बढ़ाई थी लेकिन अब वेमौसमी बर्फबारी ने बागवानों की नींद उड़ा दी है।

लाहुल घाटी में पिछले चार दिनों से बर्फबारी हो रही है। ऊंचाई वाले ग्रामीण क्षेत्रों में डेढ़ से दो फीट बर्फ पड़ चुकी है। समस्त लाहुल स्पीति में भारी बर्फ बारी का दौर जारी है। जिला कुल्लू के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी हो रही है। घाटी के बागवान हुक्म, ओम प्रकाश, लुदर, डोले राज, चुनी व सर्वदयाल ने बताया कि यह बर्फबारी सेब की फसल के लिए नुकसान दायक है। उन्होंने बताया कि सर्दियों में कम बर्फबारी हुई है जिससे नुकसान कम हुआ था लेकिन इस समय बफऱ्बारी होने से सेब को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कोविड़ के कारण पहले ही हालात बहेतर नही चल रहे है। अब बेमौसमी बफऱ्बारी ने उनकी दिक्कत को दोगुना किया है।