भाजपा सदर विधायक रमेश दिवाकर का कोरोना से निधन

उज्जवल हिमाचल। लखनऊ

योगी आदित्यनाथ सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों के बाद अब एक विधायक ने कोरोना संक्रमण से दम तोड़ दिया है। औरैया सदर से भाजपा सदर विधायक रमेश दिवाकर का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया है। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पंचायत चुनाव टालने की मांग कर रहे भाजपा विधायक प्रकाश द्विवेदी भी कोरोना वायरस के संक्रमण में हैं। वह बांदा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं।

औरैया जिला से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रमेश चंद्र दिवाकर का कोरोना वायरस के संक्रमण में आने के बाद मेरठ के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। छात्र जीवन मे खो-खो के अच्छे खिलाड़ी रहे दिवाकर ने शुक्रवार को मेरठ के मेडिकल कॉलेज के मेडीकल सेंटर अस्पताल में दम तोड़ दिया। वह चार दिन से भर्ती थे। औरैया सदर से विधायक रमेश चंद्र दिवाकर की सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उन्हेंं मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां पर आज इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।

औरैया में हालत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हेंं मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वह बीते दो दिन से ज्यादा गंभीर थे और आइसीयू में ऑक्सीजन पर थे। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। रमेश दिवाकर आरएसएस के सक्रिय पदाधिकारियों में एक थे। विधायक चुने जाने से पहले उनके हाथ जिला की कमान थी। विधानसभा चुनाव 2017 में वह जिलाध्यक्ष थे। उनकी सक्रियता व जमीनी स्तर पर जनता के प्रति कार्य देखते हुए पार्टी ने उन पर भरोसा जताकर चुनाव मैदान में उतारा था। रमेश दिवाकर की मौत से संगे-संबंधी व पार्टी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। रमेश चंद्र दिबियापुर रोड पर स्थित चौधरी विशम्भर भारतीय विद्यालय में शिक्षक भी थे।

जानकारी के अनुसार तीन दिन पहले ही भाजपा विधायक प्रकाश द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी भेजकर पंचायत चुनाव पर तत्काल रोकने की मांग की थी। उनका मानना था कि कोरोना संक्रमण से गांवों में लोग मर रहे हैं। प्रदेश में हालत खराब है, चुनाव रोके जाने चाहिए, लोगों की जान बचाना जरूरी है। विधायक प्रकाश द्विवेदी ने ट्वीट किया था कि बांदा में एक महिला भाजपा प्रत्याशी की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है और दूसरे प्रत्याशी अस्पताल में हैं। गांव-गांव हालात भयावह है, चुनाव प्रचार से फिजिकल डिस्टेंसिंग के कोई मायने नहीं रह गए हैं।