बैजनाथ के किसान, जैविक खेती से बनाई पहचान

राजेश राणा परिहार और नगेंद्र मोहन की मेहनत हुई सफल

कार्तिक। बैजनाथ

खेती-बाड़ी में रुचि रखने वाले किसानों के लिए बैजनाथ के किसान प्रेरणा स्रोत बन कर सामने आए हैं। उन्होंने ऑर्गेनिक खेती एवं सीडलेस नींबू के पौधे तैयार करके एक नई मिसाल पेश की है। बैजनाथ क्षेत्र की धानग पंचायत में एक किसान नगेंद्र मोहन ने मेहनत की कोई कसर नहीं छोड़ी तथा वे किसानों व बागवानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने है। जिन्होंने अपने बगीचे में नींबू के पौधे तैयार किए और इसके साथ-साथ ऑर्गेनिक सब्जियां भी लगा रहे हैं। नागेन्द्र मोहन का कहना है कि बैजनाथ के उद्यान विभाग में कार्यरत सहायक उद्यान विकास अधिकारी राजेश राणा परिहार के दिशा-निर्देशों व परामर्श की सहायता से वे जैविक खेती व बिना बीज के नींबू की खेती करने में सफल हुए है।

नगेंद्र मोहन ने बताया कि उद्यान विकास अधिकारी ने सितंबर 2017 में गाइड किया और बिना बीज बाले नींबू के बारे में बताया था तथा उन्होंने अपने बगीचे में फरवरी 2018 में सीडलेस नींबू के पौधे लगाए और एक साल के बाद इन पौधों ने फल देना शुरू कर दिए। उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष पौधों में कम फल लगे किंतु उसके उपरांत इन पौधों से बंपर फसल हुई हैं। उधर, राजेश राणा परिहार ने कहा कि वे इस प्रोजेक्ट में 2 वर्षो से काम कर रह है। उन्होंने कहा कि यह खेती कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली साबित हुई है।

उन्होंने कहा कि सीडलेस नींबू से आचार, जूस व कई प्रकार की सामग्री तैयार की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी में नींबू एक अच्छा इम्युनिटी बूस्टर साबित हुआ है, जिसकी बजह से इसकी बाजार में बहुत मांग बढ़ी है। राजेश राणा परिहार का कहना है कि हम सबके लिए यह बहुत बड़ी सीख है। हम भी अपने बगीचे में सीडलेस लेमन के पौधे लगाकर और कई प्रकार की ऑर्गेनिक सब्जियां उगा सकते हैं।

जैसे कि धानग गांव के किसान व बागवान नगेंद्र मोहन ने बैजनाथ क्षेत्र किया हैं। सीडलेस लेमन के पौधे गुजरात की एक बहुत बड़ी नर्सरी से मंगवा कर यह कार्य शुरू किया है और भी किसान जुड़ सकते हैं और सीडलेस लेमन के पौधे लगा सकते हैं। इसके साथ-साथ सभी किसान से आग्रह है कि आप अपने-अपने खेतों में देसी गाय के गोमूत्र व गोबर से निर्मित खाद हमेशा प्रयोग करें।