कार्तिक। बैजनाथ
पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं एनजीओ लोक सेवा मंच के संयोजक तिलक राज ने कहा कि यदि शासन व प्रशासन किसानों की समस्याओं को हल करने में एवं उन्हें सिंचाई के लिए पानी देने में असमर्थ है। ऐसी सूरत में एनजीओ बैजनाथ विधानसभा की जिन जिन पंचायतों में सिंचाई की व्यवस्था शासन व प्रशासन की नाकामी के कारण बंद पड़ी है। उसे सुचारू करने के लिए पंचायतों के सहयोग से बिना किसी बजट के किसानों के लिए सुचारू एक माह के अंदर अंदर कर सकती है।
यदि शासन व प्रशासन एनजीओ को स्वीकृति प्रदान करें तो क्योंकि यदि शासन व प्रशासन किसानों के हितों को अनदेखा करके पिछले कई वर्षों से सिर्फ बजट कागजी खर्च हो रहा है। धरातल पर कार्य करने में असमर्थ है। तिलक राज ने कहा कि किसानों के साथ हो रहे अन्याय के लिए एनजीओ उनके साथ है और इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का न्याय संगत कार्य करना पड़े उसके लिए तत्पर रहेंगे। कूहलों के न चलने से किसान कैसे करें अपनी खेती। तिलक राज ने कहा कि जब से कूहलों को पक्का करने का कार्य शुरू हुआ तब से लेकर आज दिन तक बैजनाथ विधानसभा की नगर पंचायत वह अन्य 12 पंचायतों में सुविधा नहीं है। इसके कारण बैजनाथ विधानसभा की हजारों करनाल भूमि सिंचाई से वंचित है और करोड़ों रुपए का बजट लोहार बैजनाथ की कूहलों व चरणामती कूहल व अन्य साथ लगती सिंचाई विभाग की कूहलों के लिए दे रही है, परंतु किसान और आम जनमानस को यह समझ नहीं आता कि यह पैसा सरकार किसको दे रही है और क्यों दे रही है जब तक इसका सदुपयोग धरातलीय पक्ष के पक्षधर न होगा क्योंकि किसान अपनी खेती को सींचने में असमर्थ हैं। तिलक राज ने कहा कि कोरोना काल में बहुत से किसान जो परिवार आजीविका कमाने के लिए अपने घरों से बाहर गए हुए थे। वे अपने घरों को अब लौट आए हैं।
अब वे सभी खेती करना चाहते हैं परंतु बैजनाथ में जिस तरह के हालात सिंचाई व्यवस्था को लेकर शासन व प्रशासन ने बनाए हैं। वह बहुत ही निंदनीय है, क्योंकि जब कुल्लहे कच्ची थी तो इससे लोग अपनी हर प्रकार की जरूरतों को पूरा करते थे, परंतु किसान कई बार इस विषय को लेकर हर मंच पर गुहार लगा चुके हैं। नेताओं द्वारा बड़े-बड़े आश्वासन किसानों को मिल चुके हैं। धरातलीय स्थिति की बात की जाए तो बजट करोड़ों का सिंचाई व्यवस्था कागजी। तिलक राज ने कहा कि यदि इसी तरह का रवैया शासन व प्रशासन द्वारा रहा तो किसानों को जल्द ही इस विषय को लेकर शासन व प्रशासन के विरुद्ध जो बजट इन कूहलों के नाम पर खर्च किया गया और जो झूठे आश्वासन किसानों को मिले उसका पर्दाफाश होगा।