31 मार्च तक पेंशन योजना का लाभ नहीं मिला तो रिटायर कॉरपरेट सेक्टर संगठन अपनाएगा संघर्ष का मार्ग

उज्जवल हिमाचल। ज्वालामुखी

हिमाचल प्रदेश कारपोरेट सेक्टर रिटायर कोऑर्डिनेसन कमेटी की बैठक ज्वालामुखी के अग्रवाल सराय मे प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर देवीलाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में पर्यटन निगम, खाद्य आपूर्ति निगम, वन निगम, एसआई डीसी, एग्रो इंडस्ट्री, इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन, खादी बोर्ड, वित्त निगम आदि के लगभग 250 सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में सभी सदस्यों द्वारा भाजपा सरकार द्वारा पेंशन योजना लागू न करने के लिए कड़े शब्दों में सरकार की निंदा की गई और रोष प्रकट किया गया। प्रदेशाध्यक्ष देवी लाल ठाकुर ने बताया कि वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उस दौरान पार्टी के अध्यक्ष थे उन्होंने उस समय में इस पेंशन योजना को लागू करने के लिए कर्मचारियों को आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक लागू नही हो पाई।

उन्होंने बताया मई 2003 में भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कारपोरेट फंड के लिए तीन करोड रुपए जारी किए थे उसी से ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन मिलनी शुरू हुई थी, इस अधिसूचना से भिन्न-भिन्न निगम और बोर्ड के कर्मचारियों को पेंशन योजना का लाभ मिलना शुरू हो गया था जिनकी संख्या लगभग 1400 से 1700 के बीच में थी अब लगभग 6730 कर्मचारी अधिकारी इस योजना से वंचित हैं। इस पेंशन योजना का लाभ न देकर सरकार ने धोखेबाजी की है।

बैठक में भाजपा कांगड़ा ऊना तथा चंबा जिला के संगठनात्मक चुनाव भी संपन्न हुए, जिसमें प्रधान पद के लिए विदर राणा, महासचिव सुरमिन शर्मा तथा वित्त सचिव राजकुमार चौहान को निर्विरोध चुना गया। बैठक में कांगड़ा, सिरमौर, सोलन ऊना आदि जिलों से भी कार्यकारिणी गठन करने के लिए आग्रह किया गया है। संगठन की मांग है कि 31 मार्च तक पेंशन योजना का लाभ बकाया बचे अधिकारियों कर्मचारियों को तुरंत दिया जाए, यदि सरकार ने इस योजना को पारित किए जाने की प्रक्रिया को वर्तमान सरकार पूरा नहीं करती है तो कर्मचारी अधिकारी संघर्ष का मार्ग अपनाने के लिए मजबूर हो सकते हैं जिसकी पूरी जिम्मेवार भाजपा सरकार की होगी।