तापमान बढ़ने से अपने वतन लौटने लगे विदेशी मेहमान, पौंग झील की बढ़ाई सुंदरता

विनय महाजन। नुरपुर

नुरपुर मौसम के बदलते दौर में हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा की पौग झील से विदेशी परिदों ने वापिस अपने वतन लौटना आरम्भ कर दिया है। लगभग सर्दीयो के आरम्भ में ये साइबेरिया पक्षी अपने देशों से उड़ान भर कर इस झील के किनारे रहन बसेरा लगाकर अपना पालन पोषण करते हैं। वातावरण के गर्म होने से ये परिदें चल उड़ जा रे पक्षी अब मौसम परिवर्तन होने से यह देश हुआ बेगाना की तर्ज पर उड़ान भरकर माइग्रेट करते हैं।

आज कल भारी तदाद में ये विदेशी पक्षी अपने वतन को वापिस लौटने में व्यस्त हैं। हजारों मील का सफर करके ये विदेशी परिदे लगभग तीन माह पहले इस झील में हर साल की तरह आते हैं। लगभग 110 प्रजातियों के ये विदेशी परिदे लाखों की संख्या में इस झील में अपना बसेरा बना कर रहते हैं। आस्ट्रेलिया इंग्लैंड अमेरिका साइबेरिया इत्यादि देशों से हजारों मील की उड़ान भरकर ठंड के मौसम में यहां पहुंचते हैं।

जहां से ये पक्षी उड़ान भरकर आते हैं। वहां के देशों में ठंड अधिक होने से पानी बर्फ बन जाता है। फिर मौसम परिवर्तन होने पर जबगर्मी का एहसास होता है तब ये उड़ान अपने देश की भर लेते हैं। आज भी झील के किनारे अवैध रूप से किसान खेती करते वक्त जिस कीट नाशक दवाई का स्प्रे उपजाऊ हेतु खेत में करते हैं उस दाने को चुगने के बाद भी अनेक परिदें मौत के शिकार हो जाते हैं।

राजनीति की आड में वोट के कारण विभाग आज भी चुप है। आज भी इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी विश्व वैटलैड वन्यप्राणी विभाग की हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार के वन्य प्राणी डीएफओ राहुल का कहना है कि इन प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के बन्दोबस्त पुख्ता रुप में किऐ जाते हैं। सुरक्षा का मकसद ये प्रवासी पक्षी किसी शिकारी की गोली का शिकार अवैध रूप से न हो सके। लेकिन क्षेत्र में यह चर्चा का बिषय है कि ये विदेश परिदे अक्सर शिकारियों की गोली का शिकार अवैध रूप से होते हैं।

राहुल ने स्पष्ट किया कि ये विदेशी परिदें झील के पास गीदड़ों के शिकार अक्सर होते हैं। जिसका विभाग के पास इनको बचाने के लिए कोई भी उपाय नहीं है। इनकी गणना पक्षियों के पैरों में रिंग के छल्ले डालकर हर सीजन में कई जाती हैं। कितने पक्षियों की तदाद इस मौके पर झील में आई है।

रिंग के आधार पर यह जानकारी मिलती हैं कि कितने पक्षी पुन: वापिस आऐ हैं। यह गिनती का काम जनवरी माह के अंत तक किया जाता है। ये विदेशी पक्षी हिमाचल प्रदेश की पौंग झील के किनारे क्षेत्र की शोभा को बढ़ावा दे कर प्रदेश व अन्य राज्यों के टूरिस्टों को अपनी और आकर्षक करती है। वहीं, टूरिज्मराज्यों के टूरिस्टों को अपनी और आकर्षक करती है। वहीं, टूरिज्म विभाग की आमदनी को बढावा मिलता है।