वर्ष 2003 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों को मिले पुरानी पेंशन स्कीम के लाभ

एसके शर्मा। हमीरपुर
वर्ष 2003 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के लाभ देने से न रोका जाए । इस मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटीशन दाखिल करने की बजाय सुप्रीम कोर्ट के फासीले को लागू करने के तरीके ढूंढे । यह मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ हमीरपुर के अध्यक्ष विजय हीर ने प्रदेश सरकार से की है । हीर ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2003 से पहले अनेक विभागों में नियुक्त कर्मचारियों को यह लाभ दिया गया है और शिक्षा विभाग में विद्या उपासक वर्ग को यह लाभ मिल चुका है । ऐसे में पुरानी पेंशन योजना का लाभ एनटीटी, ग्रामीण विद्या उपासक, अनुबंध जेबीटी व टीजीटी, सी एंड वी व अनुबंध प्रवक्ता आदि शिक्षकों को मिलना था। वित्त विभाग अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार शिक्षक वर्ग को लाभ देने से पहले सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू फाईल करने की सलाह दे रहा है जबकि वीना देवी बनाम हिमाचल सरकार और जोगा सिंह बनाम हिमाचल सरकार के निर्णयों के लागू होने के बाद पुनरीक्षण याचिका डालना शिक्षकों के देय लाभों को विलंब करने का प्रयास है। ऐसे में सरकार को वित्तीय लाभ किश्तों में देने बारे विचार करना चाहिए और सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों को पुरानी पेंशन स्कीम के लाभ प्रदान करने चाहिए। हीर ने कहा कि वित्तीय कुशल प्रबंधन के तहत 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को भी पेंशन लाभ देना संभव है और सरकार को कर्मचारी हितैषी होने का प्रमाण देते हुए पुनर्रीक्षण याचिका दायर करने के निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।