होली के रंग में कहीं पड़ न जाए भंग, इन बातों का रखें खास ख्याल…

रंगों का चयन करते हुए बरतें बेहद सावधानी...

Beware of adulterated colors in Holi
होली में मिलावटी रंगों से रहें सावधान

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

भारत की संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्त्व है। होली एक ऐसा त्योहार है जो सबको अपने रंगों में मिला कर सारे भेदभाव मिटा देता है। रंगों व खुशियों का यह त्योहार ढेर सारे रंगों और गुलाल में बसा है। लेकिन होली के दौरान कई तरह की समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। आपकी जरा सी लापरवाही किसी बड़े खतरे को न्यौता दे सकती है। जहां एक ओर ये त्योहार खुशियां ले कर आता है वहीं बाजार में बिकने वाले कैमिकल युक्त रंगों की वजह से बहुत सारी समस्याएं भी साथ आती हैं। त्वचा से लेकर आंखों, बालों तक को होली के ये कैमिकल वाले रंग नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए ऐसे में बहुत ही जरूरी हो जाता है कि रंगभरे इस त्योहार में सतर्कता बरती जाए, ताकि सेहत से कोई लापरवाही न हो पाए।

होली के बाद अक्सर लोगों को त्वचा पर फफोले, रैशेज, खुजली, जलन, आंखों में जलन-लालिमा और सांस से संबंधित समस्याएं आती हैं। ऐसे में रंगों को लेकर खास सावधानी बरतने की जरुरत है।

 

होली के रंगों का चयन करते हुए बरतें सावधानी…

बाजार में होली के रंगों की भरमार होगी ऐसे में आपको मुश्किल हो जाएगा कि कौन सा रंग सही है और कौन सा रंग आपको पहुंचा सकता नुकसान है। इस दौरान होली के लिए रंगों का चयन करते हुए आपको बहुत ज्यादा ध्यान रखना होगा। रंगों में कई बार बारीक पिसा कांच व एस्बेस्टोस-सिलिका जैसे खतरनाक तत्व हो सकते हैं। जिनसे किडनी, लिवर, हड्डियों को नुकसान, आंखों को स्थाई नुकसान या अस्थमा जैसी समस्या हो सकती है। पानी में घुल जाने वाले कुछ रंगों में भी रसायन हो सकते हैं। अगर गलती से भी यह आपके आंख, नाक, मुंह के जरिए शरीर में चले गए तो गम्भीर मुश्किल खड़ी हो सकती है।

अगर आपको सूखे रंग या गुलाल में कोई चमक दिखती है तो यह कांच के पाउडर हो सकता है। यह त्वचा के साथ ही आंखों और बालों के लिए भी नुकसानदेय होते हैं। रंगों का चयन करने से पहले एक बार सूंघ कर जरुर जांचें। अगर आपको इसमें किसी तरह के रसायन या इंजिन ऑइल की बदबू आती है तो ऐसे रंगों से परहेज करें।

इन बातों का रखें विशेष ख्याल…

होली खेलने के पहले अपने बालों के साथ पूरी स्किन पर सरसों का तेल लगाएं और होली खेलकर नहाने के बाद नारियल या बादाम का तेल लगाएं। इससे आपकी स्किन को कम से कम नुकसान होगा और तेल से स्किन को पर्याप्त नमी व पोषण भी मिलेगा।

जहां तक हो सके, हर्बल रंग और गुलाल ही खरीदें। रंग खरीदते समय गुणवत्ता को लेकर पूरी पुष्टि करें। होली खेलते हुए अगर रंग आपकी आंखों या मुंह में जाता है तो तुरन्त सबसे पहले साफ पानी से सफाई करें या कुल्ला करें।

यदि आपको अस्थमा या किसी प्रकार की स्किन एलर्जी है तो रंग खेलने से पहले ही स्पष्ट कर दें या ज्यादा रंग न खेलें।

होली के रंगों में कुछ मात्रा में एसिड भी हो सकता है। जिस वजह से आपकी आंखों व त्वचा पर जलन या दर्द हो सकता है। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि किसी के रंग लगाने के बाद ऐसा हुआ है तो सबसे पहले साफ पानी से तुरन्त रंग को धो कर अच्छे से साफ कर लें और त्वचा पर तेल लगाना न भूलें।

अगर आप चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो उसे हटाकर ही रंग खेलें। गर्भवती महिलाओं को इन हानिकारक रंगों से बचाव और भी जरूरी है क्योंकि इनका बुरा असर बच्चे पर भी पड़ सकता है।