फर्जी दस्तावेज़ बनाकर बिलासपुर के युवक ने एमबीबीएस में ली एडमिशन

Bilaspur's youth took admission in MBBS by making fake documents
फर्जी दस्तावेज़ बनाकर बिलासपुर के युवक ने एमबीबीएस में ली एडमिशन

उज्जवल हिमाचल। शिमला
आईजीएमसी में एमबीबीएस पर फर्जी एडमिशन लेने का मामला आया सामने आया है जिसमें आईजीएमसी के प्रिंसिपल की तरफ से मिली शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी छात्र को गिरफ्तार कर लिया है।

फर्जीवाड़ा ने एमबीबीएस में एडमिशन लिया है। एक छात्र ने फर्जी दस्तावेज से एमबीबीएस में एडमिशन ले ली लेकिन जब दस्तावेज की वेरिफिकेशन हुई तो दस्तावेज नकली पाए गए।

आरोपित छात्र ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा एमबीबीएस में प्रवेश के लिए करवाई गई प्रवेश परीक्षा (नीट) के रिजल्ट में ही छेड़छाड़ कर खुद ही फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किया। इसी सर्टिफिकेट के आधार पर वह अटल मेडिकल विश्वविद्यालय नेरचौक मंडी में आयोजित काउंसलिंग में शामिल हुआ।

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झूठे दस्तावेज के आधार पर उसका दाखिला आइजीएमसी शिमला में कंफर्म हो गया। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने कॉलेज में एडमिशन ली और नियमित कक्षाएं भी लगाना शुरू कर दिया। आइजीएमसी शिमला प्रदेश के अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में श्रेष्ठ है। आरोपित बिलासपुर जिला के घुमारवी के रहने वाला है।

इसने जिस नाम के सर्टिफिकेट के साथ छेड़छाड़ की वह एक छात्रा का है। मामला सामने आने के बाद कॉलेज प्रशासन ने इसे कॉलेज से निष्कासित कर दिया है। वहीं इसके खिलाफ लक्कड़ बाजार चौकी में शिकायत दर्ज करवाई गईं है जिसके आधार पर पुलिस ने छात्र को गिरफ्तार कर आगामी छानबीन शुरू कर दी है।

पुलिस की छानबीन में एक हैरानी वाली बात भी सामने आई है। छात्र के परिवार से अधिकतर डॉक्टर के पेशे में है। जिसके चलते परिवार वालों ने छात्र पर डॉक्टर बनने का दबाव बनाया है और नतीजन न चाहते हुए भी छात्र ने फर्जी दस्तावेज़ बनाकर एमबीबीएस में एडमिशन ली। जिसके लिए छात्र के साथ-साथ परिवार भी काफी हद तक ज़िम्मेदार है।

संवाददाताः ब्यूरो शिमला

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