करोड़ों से सड़कों काे संवारने का ढोंग रच रही भाजपा : केवल सिंह पठानिया

उज्जवल हिमाचल। शाहपुर

स्थानीय कांग्रेस नेता प्रदेश कांग्रेस महासचिव केवल सिंह पठानिया कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार, स्थानीय प्रशासन ओर लोक निर्माण विभाग की नाकामी पड़ रही है, धारकंडी क्षेत्र की जनता पर भारी। एक तरफ सरकार के मंत्री अखबारों के माध्यम से करोड़ों रुपए से सड़कों काे संवारने का ढोंग रच रही है, तो दूसरी तरफ धारकंडी की जनता अभी भी सड़क सुविधा को तरस रही है। पठानिया ने कहा कि करोना की तीसरी लहर ओमिक्रोन के रूप में बढ़ते केस को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी कार्यक्रम जनसभा, बैठके, रद्द कर दी है। पठानिया ने कहा कि अगर सही मायने में भाजपा सरकार की मंत्री को शाहपुर की जनता पीड़ा होती, तो आज छह-सात महीने बीतने के बाद भी घेरा मेटी-करेरी सड़क केंट नाले के पास बह जाने से आज तक सड़क नहीं बनी।

जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पठानिया ने कहा कि स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग को जब 12 जुलाई, 2021 को भारी बारिश होने से सड़क क्षतिग्रस्त होने के बारे में अबगत करवाया था और जिलाधीश के माध्यम से प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी इस सड़क के मुद्दे का ज्ञापन भी भेजा था, लेकिन एक डेढ़ महीना बीत जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग के कान में झूं नहीं रेंगी। आज फिर से भारी बारिश के कारण केंट नाला में जो सड़क थोड़ी बहुत बनाई थी, वाे फिर से बह गई है।

जब धारकंडी क्षेत्र की जनता की सड़क सुविधा की अबाज़ को जिलाधीश के समक्ष रखा और धार कंडी क्षेत्र के युवाओं ने घेरा बरनेट सड़क को जोड़ने की मांग पर धरना प्रदर्शन किया और युवाओं ने अपने सिर भी मुड़वाए, लेकिन जिलाधीश ने धारकंडी की जनता की पीड़ा को समझ कर उस सड़क को जोड़ने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए और काम भी शुरू हुआ, लेकिन स्थानीय मंत्री विधायिका ने बदले की राजनीति करके बरनेट घेरा सड़क का काम बंद करवा दिया। अगर उसमें मंत्री ने हस्तक्षेप नही किया होता, तो बरनेट घेरा सड़क जुड़ने से धार कंडी की हजारों की संख्या की जनता और बाहर से आने जाने बाले पर्यटकों को मुशिकलों का सामना नही करना पड़ता।

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पठानिया ने कहा कि एक तरफ करोना का तीसरा बेरियंट ओमिक्रोन ने अपने पैर पसार दिए है और जनता को आने जाने के लिए सड़क सुविधा नहीं है। पठानिया ने कहा कि जल्द से जल्द स्थानीय प्रशासन चीफ इंजीनियर के नेतृत्व में टीम गठित करके घेरा मेटी केंट नाला सड़क को मौके पर भेज कर मुआयना करवाए और जनता के लिए आने-जाने के लिए घेरा बरनेट सड़क को जल्द से जल्द जोड़ा जाए। दूसरी तरफ पठानिया ने कहा कि करोड़ों सरकार के खर्च करने पर भी डल झील की दुर्दशा नहीं सुधरी आज पर्यकट अगर डल में आ रहे हैं, तो क्या देखे। व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।

प्रदेश सरकार ने चार वर्षाें में डल झील को संवारने के लिए कोई प्रयास नहीं किए और न ही कोई दिलचस्पी दिखाई, जिसका खामियाजा बहा की स्थानीय जनता और व्यपारियों को उठाना पड़ रहा है। कई बार डल झील का मुद्दा प्रदेश सरकार के समक्ष रखा पठानिया ने मांग की है। डल झील में को पैसा खर्च करने के बाद भी डल झील की दशा न सुधरने पर जिम्मेदार अधिकारियों की जांच की जाए और दोषियों को सजा दी जाए। पठानिया ने कहा की लगता विभाग अब मुख्यमंत्री की भी नहीं सुन रहा है, तभी प्रदेश में ये हालात पैदा हो चुके है। अब जनता 2022 का इंतजार कर रही है, इस सरकार को बर्खास्त करने का।