महापुरुषों के आदर्श, गुणों, शिक्षा व सिद्धांतों को जीवन में उतारें : कैप्टन संजय

सरस्वती विद्या मंदिर चिंतपूर्णी में पराशर ने निबंध प्रतियोगिता में दिए मेधावी छात्रों को नकद पुरस्कार

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

कैप्टन संजय ने कहा है कि महापुरुषों के आदर्श, गुणों, शिक्षा, सिद्धांतों को जीवन में उतारने की प्रेरणा मिलती है। महापुरुषों के जीवन से हमें जीवन जीने का कला प्राप्त होती है। प्रत्येक समस्या का समाधान मिलता है। कैसे जीवन जीना है, उसका बोध होता है। महापुरूषों के जीवन के अनुभव ऐसे हैं कि उनके विचार जीवन की विपरित परिस्थितयों में भी वे हमें आगे बढ़ने के लिए सदैव प्रेरित करते हैं। सरस्वती विद्या मंदिर, चिंतपूर्णी में आयोजित निबंध प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए पराशर ने कहा कि महापुरूषों की स्तुति करने से जीवन को सम्यक ज्ञान, श्रद्धा, चिंतन, मनन शक्ति और सदाचरण करने का बल प्राप्त होता है।

उन्हाेंने कहा कि देश के महापुरुषों का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है और आज भी उनकी शिक्षाएं हमारे लिए उतनी ही महत्वपूर्ण व प्रेरक हैं। ऐसे में समय-समय पर युवा पीढ़ी को देश के महापुरुषों के बारे में जानकारी देने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में सेमीनार का आयोजन किया जाना चाहिए। युवा पीढ़ी को देश की संस्कृति व इतिहास से जोड़ने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं की आवश्यकता है। सरस्वती विद्या मंदिरों में संस्कारवान युक्त शिक्षा प्रदान की जा रही है और यह प्रसन्नता की बात है कि नई पीढ़ी के विद्यार्थियों में भी अपने महापुरूषों के प्रति और अधिक जानकारी प्राप्त करने की लालसा है।

निंबंध प्रतियोगिता ‘महापुरूषों की जीवनी’ पर आधारित थी, जिसमें छात्रों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम, अष्टादश विद्याओं के ज्ञाता स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ जी महाराज, वेदांत के विख्यात व प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद और स्वतंत्रता सेनानी व गांधीवादी नेता विनोबा भावे के ऊपर निबंध लिखे। कैप्टन संजय ने प्रथम तीन स्थानों पर रहे विद्यार्थियों को अपनी तरफ से साढ़े दस हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी। प्रतयोगिता विद्यालय के छठी से दशम कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई। पहले स्थान पर नवमी कक्षा के छात्र संचित कालिया रहे, तो दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से दसवीं कक्षा के ईशानी व अक्षिता रहे।

तृतीय स्थान पर नवमी कक्षा के छात्र हर्ष संदल व मृदुल रहे। प्रतियोगिता में कुल 32 विद्यार्थियों ने भाग लिया। सभी प्रतियोगी छात्राें को कैप्टन संजय ने महात्मा गांधी के चित्र और प्रशस्ति पत्र भी भेंट किए। स्कूल के प्रधानाचार्य सुरेश चड्ढा ने बताया कि पराशर विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में पारंगत करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं। संजय का आभार जताते हुए सुरेश ने कहा कि विद्यार्थियों का ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने से मनोबल बढ़ेगा। वहीं, कैप्टन संजय का कहना था कि आज के प्रतियोगी युग में हर विद्यार्थी पर खुद को साबित करने का दबाब है, लेकिन छात्र नैतिक मूल्यों के साथ संस्कार भी सीखेंगे, तो निःस्संदेह वे अपने लक्ष्य काे भी हासिल कर लेंगे।