हिमाचल की सीमा पर पंजाब के खनन माफ‍ियों की दादागीरी

उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर

नूरपुर अभी हाल दो दिन के दौरे पर आए प्रदेश के लोक निर्माण व खेल विभाग के मंत्री विक्रमादित्य को नूरपुर में एक मीडिया दारा यह प्रश्न एक प्रैस कॉन्फ्रेंस में किया गया कि जब तक पंजाब और हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के बीच बहने वाली चक्की दरिया के बीच अपने अपने राज्यो के अंदर भूमि की निशान देई नहीं होती तब तक इन इलाकों में अवैध खनन पर रोक नहीं लग सकती।

उन्होंने इस मामले को पूरी तरह से जाना लेकिन पास में बैठे विशाल च्ंबियाल जो सरकार में मौजूदा विभाग के चेयरमैन भी है उन्होंने भी मंत्री विक्रमादित्य को यह कह दिया कि मीडिया दारा यह प्रश्न काफी अच्छा व ठीक है क्योंकि पंजाब का खनन माफिया हिमाचल की इन सीमाओं में आकर देर रात तक अवैध खनन को अंजाम देकर यहां की सारी उपजाऊ भूमि को वंजर कर तो चुका लेकिन सरकार के जल शक्ति व कृषि विभाग की सरकारी मशनरी, जल स्तोत्र में गिरावट के कारण खराब कर चुका है। इसलिए दोनों राज्यो के बीच भू निशान देई आज के दौर में जरूरी है।

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नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने भी इस मामले में मंत्री को विस्तृत रूप में जानकारी देते हुए कहा है कि इस क्षेत्र की यह गम्भीर समस्या है। गौरतलब है कि कुछ साल पहले इस मामले में जनहित में दोनों राज्यों की एक बैठक उस समय हुई थी जब राकेश प्रजापति आईएएस नूरपुर में एसडीएम के पद पर कार्यरत थे। यह बैठक दो राज्यों के जिला कांगड़ा के नूरपुर व पठानकोट के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ राजस्व विभाग की टीम की मोजुदगी में हुई थी। उस समय पठानकोट जिला गुरदासपुर के अन्तर्गत आता था।

बैठक अनेकों बार हुई लेकिन परिणाम धरातल पर जनहित में नही आया जिस कारण पंजाब का खनन माफिया हिमाचल प्रदेश में वेखोफ खनन करने सफल होता रहा जिसका कारण सिर्फ निशान देई ना होना है और सरकार के राजस्व को चूना लगना भी यही कारण है। मंत्री विक्रमादित्य ने इस मामले को सुना और आश्वसन दिया कि यह मामला कविनेट बैठक में जनहित में लाया जाएगा और इस पर तुरन्त अमलीजामा पहनाया जायेगा। उन्होने कहा कि इस मामले में दोनों राज्यों के बीच भू निशान दे ई जरूरी है जब तक यह काम नहीं होता तव तक अफसरशाही अवैध खनन पर रोक नहीं लगा सकती।

संवाददाताः विनय महाजन

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