श्रमिक संगठनों का सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ 28-29 मार्च को हड़ताल का आह्वान

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के आह्वान पर 28-29 मार्च 2022 को मजदूरों के चबालिस कानूनों को खत्म करके चार लेबर कोड बनाने,सार्वजनिक क्षेत्र हो विनिवेश व निजीकरण,ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली,आउटसोर्स नीति बनाने,स्कीम वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित करने, करुणामूलक रोज़गार देने,छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, सेवाओं के निजीकरण, मोटर व्हीकल एक्ट में मालिक व मजदूर विरोधी संशोधनों व नेशनल मोनेटाइजेशन पाइप लाइन आदि मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी को दलित शोषण मुक्ति शिमला जिला कमेटी समर्थन करती है।

इस दिन प्रदेश में हज़ारों मजदूर मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल करेंगे। दलित शोषण मुक्ति मंच जहां जहां भी जिला में प्रदर्शन होंगे वहां पर हम इस हड़ताल में भाग लेंगे व समर्थन करेंगे।

जिला संयोजक विवेक कश्यप व सह संयोजक सुरेन्द्र ने कहा है कि 28-29 मार्च को देश के करोड़ों लोगों द्वारा मोदी सरकार की मजदूर, कर्मचारी, किसान, महिला, नौजवान, छात्र, दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जा रही है ।

उन्होंने कहा है कि इस दिन सभी ब्लॉकों व स्थानीय स्तर पर प्रदर्शन में दलित शोषण मुक्ति मंच बड चढ कर भाग लेगा और केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश सरकार की मजदूर व कर्मचारी, किसान दलित महिला छात्र नीतियों के खिलाफ हल्ला बोलेंगे।

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पूंजीपतियों के हित में कार्य कर रही है व मजदूर विरोधी निर्णय ले रही है। पिछले सौ सालों में बने चौबालिस श्रम कानूनों को खत्म करके मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताएं अथवा लेबर कोड बनाना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

कोरोना काल का फायदा उठाते हुए मोदी सरकार के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश जैसी कई राज्य सरकारों ने आम जनता को राहत ना देकर उनका शोषण किया है। केंद्र व राज्य सरकार लगातार आम जनता का शोषण कर रही है। अत दलित शोषण मुक्ति मंच इस हड़ताल का समर्थन करती है।