पेंडिंग पड़े करोड़ों रूपयों के बिजली बिलों की वसूली का अभियान तेज, कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

एमसी शर्मां। नदौन

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड द्वारा लम्बित पड़ी 300 करोड़ रूप्ये बिजली बिलों की वसूली का अभियान तेजी के साथ चलाया गया है। लेकिन बिल न जमा करवाने वाले बिजली उपभोक्ताओं की बिजली को अस्थाई रूप से काटने के लिए विभाग द्वारा जारी किए गए आदेशों को लागू करने वाले तकनीकी कर्मचारियों को बिजली उपभोक्ताओं के कोप का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
यह बात हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कही। उन्होंने कहा कि गत दिवस विभागीय आदेशों के मुताबिक चम्बा में बिजली बिल जमा न करवाने वाले बिजली उपभोक्ता सुरेन्द्र कुमार की बिजली काटने गए दरवारी लाल फौरमेन पर उपभोक्ता द्वारा हमला किया गया और दरवारी लाल के साथ धक्का-मुक्की और गाली गलोच भी किया गया और उसके कपड़े भी फाड़ दिए गए।
सुरेन्द कुमार द्वारा कहा गया कि उनके घर में बिना इजाजत के वे कैसे आए। उपभोक्ता के अभद्र व्यवहार से आहत कर्मचारियों ने मौके पर सम्बन्धित एस.डी.ओ. को बुलाया और फिर उनकी मौजूदगी में बिजली को अस्थाई रूप से बन्द किया गया। उल्लेखनीय है कि सुरेन्द्र कुमार ने जून 2021 के बाद से दो बिजली मीटरों का बिल, जिनकी रकम 9000 रूप्ये बनती है, जमा नहीं करवाई थी।
जबकि एक बिजली मीटर सुरेन्द्र कुमार और दूसरा बिजली मीटर उनके पिता सुदू के नाम पर लगा है। बिजली काटने के थोड़े समय बाद उपभोक्ता ने बिजली का बिल तो जमा करवा दिया लेकिन बिजली कर्मचारी को पांच बजे के बाद देख लेने की धमकियां दीं और अपनी बेटी से बीच बाजार में जूतों के साथ पिटाई करने की धमकी भी दी।विभागीय अधिकारियों द्वारा इस घटना की एफ.आई.आर. पूलिस थाना चम्बा में करवाई गई है।खरवाड़ा ने बिजली बोर्ड के प्रबन्ध निदेशक पंकज डढवाल से कहा कि कर्मचारियों के साथ हो रही बदतमीजी और हाथापाई का जिम्मेबार कौन है।
उन्होंने कहा कि किसी भी बिजली उपभोक्ता की बिजली काटने के लिए कर्मचारियों को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह के डिफॉल्टर उपभोक्ता बिजली कर्मचारियों पर कोई भी संगीन आरोप लगाने से गुरेज नहीं करते हैं।खरवाड़ा ने कहा कि सही समय पर बिजली बिलों की वसूली न हो पाने के लिए बिजली बोर्ड लिमिटिड स्वयं जिम्मेबार है।
क्योंकि अक्षर यह देखा गया है कि जब किसी कर्मचारी द्वारा उपभोक्ता के डिफॉल्टर होने पर बिजली काटी जाती है तो कई बार विभागीय अधिकारियों द्वारा नेताओं के दवाब के चलते बिल जमा करवाए बगैर ही बिजली काटने वाले कर्मचारियों पर ही फिर से बिजली जोड़ने का दवाब डाला जाता है जिसके चलते बिजली कर्मचारी अपमान सहने के लिए मजबूर होता है।
खरवाड़ा ने बिजली बिलों की वसूली के लिए नियमों के तहत सही समय पर उचित कदम उठाने के लिए फील्ड अधिकारियों को अधिकृत करने और सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। उन्होंने चम्बा में बिजली उपभोक्ता द्वारा की गई हाथापाई व गाली-गलोच के खिलाफ निमायनुसार सख्त कार्यवाही करने की मांग की।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बिजली बोर्ड लिमिटिड का अधिकारी बिजली कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं होगा तो कर्मचारियों को डियूटी करना आसान नहीं होगा और कर्मचारी ऐसा जोखिम भी नहीं लेंगे।