आईटीआई शाहपुर में कैंपस इंटरव्यू चार मार्च को

उज्जवल हिमाचल। शाहपुर
अगर आप वर्ष 2020 में मेडिकल या नॉन मेडिकल में प्लस टू पास है और आपकी आयु 18 से 20 वर्ष के बीच में है , तो आप 4 मार्च को राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर में बद्दी की प्रतिष्ठित दवा कंपनी डॉ रेड्डी लैबोरेट्रीज लिमिटेड द्वारा आयोजित कैंपस साक्षात्कार में अपना भाग्य आजमा सकते हैं। चयनित होने पर जहां कंपनी आपको टैक्नीकल ट्रेनी के तौर पर नौकरी देगी, वहीं आप कंपनी द्वारा प्रायोजित चितकारा विश्वविद्यालय से फार्मास्यूटिकल साइंसेज में बीएससी डिग्री भी हासिल करेंगे। चयनित उम्मीदवारों को तीन कार्यशील पारियों (ए, बी और सी) के साथ संचालन में तैनात किया जाएगा और उनके लिए 2 साल का छात्रावास रहना और कंपनी प्रायोजित स्नातक होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि कंपनी 25 पद भरेगी।

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर के प्रधानाचार्य इंजीनियर तरुण कुमार ने बताया कि इस कैंपस साक्षात्कार में वे युवक – युवतियां भाग ले सकते हैं , जिनका जन्म 1 मार्च 2001 और 1 मार्च 2003 के बीच हुआ हो और जिन्होंने प्लस टू की परीक्षा 60 प्रतिशत अंकों के साथ मेडिकल या नॉन मेडिकल में बर्ष 2020 में पास की हो। जो हिंदी और इंग्लिश पढऩा, लिखना और बोलना जानता हो। उन्होंने बताया कि इस कैंपस साक्षात्कार में वे छात्र – छात्राएं भाग नहीं ले सकते , जिन्होंने प्लस टू सप्लीमेंट्री एग्जाम से पास की हो। उन्होंने बताया कि इसके चयनित होने पर इन युवाओं को वार्षिक 1.45 लाख सीटीसी सैलरी मिलेगी । साथ ही उन्हें चितकारा यूनिवर्सिटी से फार्मास्यूटिकल साइंस में बीएससी की डिग्री दी जाएगी। इसके अलावा रियायती दर पर हॉस्टल, कैंटीन और परिवहन सुविधा दो सालों के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान शाहपुर के ट्रेनिंग और प्लेसमेंट ऑफिसर अभिषेक बगवान ने बताया कि इस कैंपस साक्षात्कार में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को अपने साथ 10वीं, 12वीं के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के अलावा, आधार कार्ड, बोनोफाइड हिमाचली प्रमाण पत्र (सभी ओरिजिनल और एक सेट छाया प्रति) और दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ्स लाने होंगे। कंपनी के एचआर विभाग के अधिकारी हरिंद्र सिंह ने बताया कि चयन प्रक्रिया के तहत सबसे पहले रिटन टेस्ट, उसके बाद पीडीटी, न्यूरो मस्कुलर टेस्ट, ग्रुप डिस्कशन और अंत में व्यक्तिगत परिचय के बाद उनका चयन किया जाएगा। चयनित होने पर उन्हें टैक्नीकल ट्रेनी के तौर पर रखा जाएगा।