धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार व निर्माण में कैप्टन संजय पराशर ने निभाई अहम भूमिका

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

कैप्टन संजय ने धार्मिक स्थलों के निर्माण व जीर्णोद्धार करने में भी प्रमुख भूमिका निभाई है। आस्था व श्रद्धा के इन पावन स्थानों की दिशा व दशा बदलने में पराशर ने अपने निजी संसाधनों का उपयोग किया। संजय पराशर ने चिंतपूर्णी के जवाल स्थित गुरू रविदास मंदिर में शेड का निर्माण कार्य करवाया। गर्मी व बरसात के दिनों में जब यहां श्रद्धालु आते थे तो उन्हें परेशानी होती थी। कमेटी के अध्यक्ष साेमनाथ से जब इस बारे में पराशर को अवगत करवाया तो उन्होंने खुद मंदिर का दौरा किया और निर्माण कार्य के लिए हामी भर दी।

कमेटी सदस्य बरियाम सिंह ने बताया कि इस निर्माण कार्य पर कैप्टन संजय ने तीन लाख रूपए से निर्माण करवाया है। जसवां-परागपुर की रिड़ी-कुठेड़ा पंचायत में बाबा सिद्ध चानो मंदिर में भी श्रद्धालुओं को कड़कती धूप या बारिश में बिना बरामदे के ही परिसर में खड़ा होने के लिए मजबूर होना पड़ता था। इत्तेफाक से संजय ने इस स्थान पर मेडीकल कैंप का आयोजन किया। उस दिन कैंप तो सफल रहा, लेकिन बारिश की वजह से यहां पहुंचे बुजुर्गों को दिक्कत पेश आई। मंदिर कमेटी के प्रमुख सदस्य रत्न सिंह से संजय ने बात की और शेड का निर्माण करवा दिया।

स्थानीय श्रद्धालुओं के अलावा मां चिंतपूर्णी के दर्शनो को जाने वाले भक्त भी अब मंदिर प्रांगण में विश्राम करते हैं। कमेटी सदस्य अशोक कुमार ने बताया कि शेड के निर्माण पर तीन लाख रूपए की राशि खर्च हुई है। अब इस परिसर में एक साथ सैंकड़ों श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था हो गई है। स्वाणा पंचायत के खतेड़ा में भी संजय पराशर के सौजन्य से भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। बाबा बालक नाथ के इस मंदिर में आसपास के गांवों के वासियों की अगाध श्रद्धा है। इसके साथ ही जसवां-परागपुर क्षेत्र की दोदू राजपूतां पंचायत के कुरियाल खेड़ा में शिव मंदिर निर्माण में के लिए पराशर ने सहयोग दिया है।

संजय ने बणी पंचायत के शिव मंदिर के बरामदे के लिए टाइलें और अन्य निर्माण करवाया है। भड़ोली पंचायत के गोगा जाहर वीर व बाबा बालक नाथ मंदिर के निर्माण कार्य के लिए पराशर ने योगदान दिया है। पंजाब के तलवाड़ा स्थित बाबा विभूति राम जी के पावन डेरे के भवन निर्माण के लिए पराशर वर्षों से सहयोग करते रहे हैं और अब तक यह प्रक्रिया जारी है। कैप्टन संजय पराशर कहते हैं कि मंदिर सनातन धर्म की आस्था व श्रद्धा के केन्द्र हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बने ऐसे धार्मिक स्थल किसी भी क्षेत्र की पहचान होते हैं और ऐसे स्थलों के कारण ही आपस में भाईचारा भी बना रहता है।

मगूरू गांव के बुजुर्ग तिलक राज ने कहा कि जब तक संजय जैसे सपूत समाज में मौजूद हैं, तब तक सनातन धर्म का बाल बांका भी नहीं हो सकता। दोदू पंचायत के वार्ड पंच रमेश चंद बताते हैं कि कुरियाल खेड़ा के शिव मंदिर का शेष निर्माण कार्य कोरोनाकाल में आर्थिक कारणों से रूक गया था, सहयोग मांगने पर संजय खुद मंदिर परिसर में पहुंचे और शेष बचे कार्य के लिए सहयोग राशि भेंट की। बताया कि पराशर सामाजिक सरोकारों को निभाने में अमूल्य योगदान दे रहे हैं।