कैप्टन संजय ने एक सप्ताह में करवाए 41 मोतियाबिंद मरीजों के आपरेशन

जसवां-परागपुर को माेतियाबिंद मुक्त बनाने के लिए पराशर कर रहे गंभीरता से प्रयास

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

जसवां-परागपुर क्षेत्र में मोतियाबिंद के कारण किसी व्यक्ति की आंखों की रोशनी न चली जाए, इसके लिए कैप्टन संजय गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं और लगातार इस क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन कर रहे हैं। अनमोल आंखों की रोशनी को बरकरार रखने के लिए संजय एक वर्ष के कम समय में अब तक 23 रिकार्ड मेडीेकल कैंपों का आयोजन कर चुके हैं, जबकि इस साल के मध्य मार्च तक 15 और कैंप विभिन्न गांवों में प्रस्तावित हैं । इन स्वास्थ्य शिविरों में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए मोतियाबिंद के मरीजों का तय समयावधि के भीतर ही आपरेशन करवाए जा रहे हैं। गत एक सप्ताह में पराशर ने 41 मोतियाबिंद के आपरेशन करवाए हैं। दरअसल कैप्टन संजय द्वारा की गई सटीक व्यवस्था से मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को अपने निवास स्थल से कांगड़ा के निजी अस्पताल तक लाने व ले जाने के लिए वाहन की सुविधा पराशर द्वारा दी जा रही है।

साथ में दवाई, चश्मा व भोजन की व्यवस्था भी की जाती है। कैप्टन संजय द्वारा आयोजित स्वास्थ्य शिविरों में आए मरीज की जांच से लेकर आपरेशन तक कोई पैसा तक खर्च नहीं होता है। ऐसे में निःशुल्क सुविधा मिलने का फायदा ग्रामीण क्षेत्रों के रोगी ज्यादा उठा रहे हैं। अमूमन मोतियाबिंद साठ वर्ष से अधिक आयु के कई बुजुर्गों को हो जाता है और इसे ही ऑपरेशन के जरिए हटाया जाता है। मेडीकल कैंप में ही मोतियाबिंद के पंजीकृत मरीजों के शुगर, ब्लड प्रेशर और ईसीजी के टेस्ट भी फ्री में किए जाते हैं ताकि ऐसे मरीजों को आपरेशन न होने की स्थिति में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। मरीजों का आपरेशन होने के बाद पराशर की टीम मरीजों के घर पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की फीडबैक भी लेती है।

मेडीकल कैंप शुरू होने के बाद से मोतियाबिंद आपरेशन होने तक मरीज की हर सुविधा का बारीकी से ख्याल रखा जाता है और जिस दिन मरीजों के आपरेशन कांगड़ा में होने होते हैं, उस दिन विशेष तौर पर वहां कैप्टन संजय भी उपस्थित रहते हैं। वहीं, भड़ोली के दीनानाथ, कलोहा से देवी, स्वाणता के ओंकार सिंह, लग से शीला देवी, जदामण से कृष्णा देवी, गरली से होशियार सिंह, चाैली से राकेश कुमार और सरड डोगरी से सरला देवी ने बताया कि उनकी आंखों में मोतियाबिंद था। पराशर के मेडीकल कैंपों में निशुल्क जांच करवाई और उसके बाद संजय के सौजन्य से उनका सफल आपरेशन भी हो गया। कहा कि पराशर जिस तरह से निस्वार्थ भाव से समाज के लिए फर्ज निभा रहे हैं, उसकी अन्य कोई उदाहरण नहीं है। सभी लाभार्थियों ने कैप्टन संजय का आपरेशन करवाने के लिए भी आभार जताया। वहीं, संजय पराशर का कहना है कि उनका ध्येय जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करना है और जब तक इस क्षेत्र में बीमारी दूर नहीं हो जातीए वह स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करते रहेंगे।