युवा वर्ग के भविष्य के सपनाें को साकार करने में मदद कर रहे कैप्टन संजय

सुदूर गांवों में भी युवाओं को घर-द्वार पर कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग की सुविधा

उज्जवल हिमाचल। डाडासीबा

कैप्टन संजय आज उन सैंकड़ों युवाओं के लिए उम्मीद व प्रेरणा बन चुके हैं, जो कामयाबी का आसमान छूने की ख्वाईश व कुव्वत तो रखते हैं, लेकिन सुदूर गांवों में प्रारंभिक शिक्षा की बदहाली, साधनहीनता, मार्गदर्शन के अभाव और अंग्रेजी के आतंक के कारण अपने सपनों को साकार करने का हौसला छोड़ देते हैं। भविष्य को लेकर संवेदनशील ऐसे विद्यार्थियों के लिए पराशर ने स्कॉलशिप से लेकर अपने कार्यालयों में निशुल्क कोचिंग व गाइंडेंस की व्यवस्था कर रखी है। तो अब कंप्यूटर व इंग्लिश सेंटरों के माध्यम से भी युवाओं को सीधा रोजगार से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जसवां-परागपुर क्षेत्र के मेहड़ा गांव में खाेला गया पहला केन्द्र निस्संदेह युवाओं के लिए निशुल्क कोचिंग प्रदान कर रहा है, जहां कई युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा क्षेत्र की पंचायतों में युवाओं को घर.द्वार पर ही ऐसे सेंटर खोलने की तैयारी भी पराशर द्वारा की जा चुकी है। बड़ी बात यह भी है कि संजय के मार्गदर्शन में कई युवाओं ने हाल ही में रोजगार हासिल करने में भी सफलता हासिल की है।

दरअसल शिक्षा व रोजगार के विजन पर काम कर रहे पराशर का लक्ष्य है कि इस वर्ष 500 और अगले वर्ष एक हजार युवाओं को एनडीए और मर्चेंट नेवी में रोजगार के साधनों का सृजन किया जाए। इसके लिए कैप्टन संजय युवाओं को हर क्षेत्र में प्रशिक्षित करना चाहते हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों की कंप्यूटर और अंग्रेजी भाषा कमजोर कड़ी रहते हैं और यही कारण होता है कि वे परीक्षा या साक्षात्कार में पिछड़ जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए संजय ने शिक्षा के इस बड़े प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया है। मेहड़ा में शानदार व सकारात्मक परिणाम आने के बाद जसवां-परागपुर क्षेत्र की चार पंचायतों में लोकेशन फाइनल की जा चुकी है और शीघ्र ही ऐसे केन्द्र खोलने की योजना है। इसके अलावा युवाओं की प्रतिभा को तराशने और प्रशिक्षित करने के लिए निरंतर देश भर से विशेषज्ञों की टीम के साथ बेबीनार करने का भी प्लान तैयार किया है तो कोरेाना का असर कम होने के बाद शिक्षण संस्थानों में कैरियर काउंसलिंग के आयोजन पर भी विचार चल रहा है। वहीं, मेहड़ा लर्निंग सेंटर में गुरनबाड़ के विकास ठाकुर बताते हैं कि वह वन रक्षक की भर्ती के लिए तैयारी करना चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण कहीं कोचिंग नहीं ले पा रहे थे।

किसी मेहड़ा में निशुल्क कोचिंग के बारे में बताया तो वह यहां गाइडेंस के लिए आ गए। यहां पर कक्षाएं लगाने के बाद अनुभव हुआ कि इस केन्द्र में अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी बेहतरीन तरीके से करवाई जा रही है। कुछ ऐसे ही अनुभव सांझा करते हुए तियामल गांव के साहिल व मनजीत और मेहड़ा गांव की रूचिका ठाकुर व साक्षी ने बताया कि कैप्टन संजय के सौजन्य से उन्हें निशुल्क कंप्यूटर व अंग्रेजी सीखने की सुविधा गांव में ही मिल रही है। उधर, कैप्टन संजय का कहना है कि युवा बहुत कुछ करना चाहते हैं। उन्हें सही मार्गदर्शन व मदद की जरूरत है। युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार पैदा करना और उन्हें गाइड करके खुद के पैरों पर खड़ा करना उनके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है।