विनय महाजन। नूरपुर
न्यू पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. संजीव गुलेरिया ने केंद्र की मोदी सरकार का कृषि बिल वापस लेने पर देर से ही लिया गया लेकिन सही निर्णय लेने का स्वागत किया। डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि अब मोदी सरकार की न्यू पेंशन स्कीम (NPS) भी बंद करके पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) बहाल करने की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी। अब NPS बंद करने की बारी है।
उन्होंने कहा कि कृषि कानून सरकार ने वापस लिया क्योंकि किसानों ने उसे ऐसा करने पर मजबूर किया है। उसी तरह केंद्र सरकार को देश भर में 80 लाख पेंशनर विहीन कर्मचारियों अधिकारियों की भी बात सुनना पड़ेगी और पुरानी पेंशन बहाली की जायज़ मांग माननी पड़ेगी, नहीं तो पंजाब, यूपी में सत्ता परिवर्तन और 2024 में सत्ता से जन आक्रोश पूरी तरह बेदखली निश्चित करेगा।
पश्चिम बंगाल में पुरानी पेंशन तो हिमाचल प्रदेश में क्यों नहीं?
डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कहा कि जव भारत देश में एक संविधान है तो एक समान पेंशन क्यों नही ? अगर पश्चिम बंगाल में कर्मचारियों अधिकारियों को अभी भी राज्य सरकार पुरानी पेंशन दे रही है तो क्या वहां पर विकास कार्य रूक गया है ? आर्थिक आपातकाल पड़ गया है ? डाक्टर गुलेरीया ने कहा कि पेंशन सरकारी कर्मचारी अधिकारियों का संवैधानिक अधिकार है, संविधान में वर्णित है, कर्मचारी अधिकारी कृषि बिल की तरह NPS को बंद करने का मोदी जी सरकार से आग्रह करते हैं ।