दीप सिद्धू के भाजपाई होने का सर्टिफिकेट कैंसिल

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

हरियाणा के कुंडली बॉर्डर पर कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन के नेताओं ने पंजाबी एक्टर-सिंगर दीप सिद्धू के भाजपाई होने का सर्टिफिकेट कैंसिल कर दिया है। गैंगस्टर से पंजाब के यूथ लीडर के रूप में कन्वर्ट हुए लक्खा सिधाना को भी आंदोलनकारी नेताओं ने फिर से अपना घोषित कर दिया है। विवशता है। धरनास्थलों पर लोग कम होते जा रहे हैं। यही कारण है कि संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सदस्य दर्शनपाल कह रहे हैं कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा फैलाने के आरोपितों-दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना को धरना स्थलों पर बुलाया जाएगा। युवाओं को जोड़ने के लिए उनकी मदद ली जाएगी। ये वही किसान नेता हैं जिन्होंने गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद कहा था कि दीप सिद्धू भाजपा का आदमी है और भाजपा ने आंदोलन खत्म कराने के लिए साजिश के तहत हिंसा कराई। लक्खा सिधाना के लिए भी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने कह दिया था कि उससे हमारा कोई संबंध नहीं है। अब उनकी बात दोनों मान भी जाएं तो धरनास्थलों पर शायद ही पहले जैसी भीड़ जुटे, क्योंकि उनके आने के बाद भी जो लोग आएंगे वे पंजाब से ही आएंगे। उधर धरनास्थलों पर लोगों की नामौजूदगी से चिंतित संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अब फिर संसद घेरने की बात करने लगे हैं। उनकी दिक्कत यह है कि संसद के भीतर तो गुंजाइश है नहीं, क्योंकि किसान संगठनों का कोई भी नेता सांसद नहीं है। हालांकि चुनाव तो कई लड़ चुके हैं, लेकिन जमानत जब्त ही कराए हैं। एक हन्नान मुल्ला को छोड़कर। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य के रूप में बंगाल के उलुबेरिया लोकसभा क्षेत्र से वह कई बार सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2009 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद से वह खाली हैं और ऑल इंडिया किसान सभा के जनरल सेक्रेटरी हैं, जो मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का किसान मोर्चा है। सो, गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेता फिर संसद के घेराव की बात कर रहे हैं। हालांकि इस बार वे कह रहे हैं कि आंदोलनकारी हाथ बांधकर दिल्ली में प्रवेश करेंगे।