खनन माफिया व प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ा चक्की पुल

विनय महाजन। नूरपुर

राष्टीय उच्च मार्ग पठानकोट-मंडी भारी बरसात के कारण चक्की दरिया पर स्थित पुल कंडवाल में दरार आने से प्रशासन सखती में आ गया है। जिस काऱण पंजाब व हिमाचल के अधिकारीयों ने आपस में बातचीत करके पुल से यातायात को रोककर बाया भदरोया वाहनां का सिलसिला बीती रात से आरम्भ किया है।

पंजाब, हिमाचल को जोड़ने बाले सड़क परिवहन का एकमात्र पंजाब व हिमाचल सरकार का सांझा पुल भी आम जनमानस के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश से पठानकोट के तमाम ज़िलों के परिवहन गुजरने के लिए यह महत्वपूर्ण पुल है।

अव सवाल यह उठता है क़ि खनन के कारण इस पुल का ध्वसत होना बताया जा रहा है। लेकिन सरकार में रहते हुए प्रशासन अनभिज्ञ क्यों बना रहा? क्या खनन माफिया ही अकेला ज़िम्मेदार है? इसके लिए उच्चाधिकारी भी उतने ही ज़िम्मेदार हैं जितना ज़िम्मेदार खनन माफिया को माना जा रहा है।

राष्ट्र निर्माण में अकसर निर्माण सामग्री नदीयों से ही नियमानुसार उपलब्ध की जाती है जिसके एवज़ में सरकार नीलामी के माध्यम से करोड़ों रुपए की धन राशि एकत्रित करती है जिसके लिए सरकार को पुख़्ता नीति फ़्रेम करनी होगी जिसका ज़िम्मा खनन विभाग के साथ-साथ लोकल पंचायत प्रतिनिधियों को भी देना होगा। फिलहाल डीसी कांगडा ने इस विषय मे जांच बैठा दी है।