चीन को पता चला कितनी कमजोर है उनकी ट्रेनिंग: CDS बिपिन रावत

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

लद्दाख सीमा पर शुरू हुआ चीन और भारत के बीच विवाद अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इस बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया है और कहा कि चीनी सैनिक हिमालय की पहाड़ियों में लड़ाई के आदि नहीं हैं।

भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण स्थिति अभी भी जारी है। इस बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने बयान दिया है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर गलवान घाटी और अन्य जगह हुई भिड़ंत के बाद चीनी सेना को ये अहसास हुआ है कि उन्हें बेहतर तैयारी और ट्रेनिंग की ज़रूरत है।

इंडिया टुडे से बातचीत में बिपिन रावत ने बताया कि चीनी सैनिक हिमालय की पहाड़ियों में लड़ाई के आदि नहीं हैं, ना ही वो लंबे वक्त तक मुकाबला कर सकते हैं।

चीनी सैनिकों द्वारा की जा रही ताजा गतिविधि पर बिपिन रावत ने कहा कि भारत से सटे बॉर्डर पर चीन ने सैनिकों की तैनाती में बदलाव किया है, जिस तरह गलवान और अन्य इलाकों में भारतीय सेना के साथ उसकी भिड़ंत हुई, उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें बेहतर तैयारी की ज़रूरत है।

गलवान घाटी में हुई भिड़ंत के दौरान चीनी सेना को पहुंचे नुकसान को लेकर CDS ने कहा कि चीनी सैनिक छोटी लड़ाईयां लड़ सकते हैं, उनके पास इस तरह के इलाकों में लड़ाई करने का अनुभव नहीं है। हालांकि, उन्होंने ये भी दोहराया कि भारत लगातार चीनी गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए है, भारतीय सेना लगातार एक्टिव है।

भारतीय सेना की तैयारियों को लेकर बिपिन रावत बोले कि भारतीय सेना के जवानों ने बेहतरीन तैयारी की है और हालात को भांपा है पहाड़ी इलाकों में हमारी सेना चीनी सेना के मुकाबले काफी बेहतर है नॉर्थ फ्रंट को लेकर बिपिन रावत ने कहा कि सेना के लिए वेस्ट और नॉर्थ दोनों ही फ्रंट काफी आवश्यक हैं, हालांकि हाल ही में नॉर्दन फ्रंट में कुछ एक्टिविटी बढ़ी है।

गौरतलब है कि चीन के साथ लद्दाख सीमा में जारी तनाव अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. दोनों देशों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी रखने की कोशिश है, लेकिन भारतीय सेना अभी भी सीमाओं पर मुस्तैद है।