जेपी नड्डा से मिले चिराग पासवान….

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने आज 28 सितंबर, सोमवार को दिल्‍ली में भाजपा (BJP) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की। इसके बाद से उनके एनडीए (NDA) में बने रहने की बात पक्‍की मानी जा रही है। भाजपा ने उन्‍हें सीटों का जो ऑफर दिया, उस पर चिराग ने संतोष जताया है। इतना ही नहीं जमुई से सांसद होते हुए भी चिराग भाजपा को बड़ा भाई मानते हुए जमुई विधानसभा सीट छोड़ने को भी तैयार हो गए हैं।

दरअसल, भाजपा जमुई से इंटरनेशनल शूटर श्रेयसी सिंह को चुनाव मैदान में उतरने का ऑफर दिया है। इस पर चिराग ने भी सहमति जताई है। भाजपा ने उन्‍हें बदले में कोई और मन-पसंद सीट चुन लेने का ऑफर दिया है। भाजपा ने एलजेपी को एनडीए में अब विधानसभा की 27, विधान परिषद की दो सीटें और राज्‍य सभा की एक सीट देने की ऑफर दिया है। 27 की पूरी लिस्ट में लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान का लोकसभा क्षेत्र जमुई और सिकंदरा भी शामिल है। जमुई के बदले लोजपा चकाई सीट पर अपनी दावेदारी ठोंकेगी। चिराग पासवान पार्टी के संसदीय दल की बैठक के बाद एनडीए में बने रहने की घोषणा कर सकते हैं।

लोजपा जमुई विधानसभा सीट से बांका की पूर्व सांसद पुतुल देवी और इंटरनेशनल ख्याति प्राप्त गोल्डन गर्ल श्रेयसी सिंह के लिए छोड़ सकती है। बीजेपी इंटरनेशनल शूटर श्रेयसी सिंह को जमुई से विधान सभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। इसमें जमुई सांसद चिराग पासवान की भी सहमति है। वे श्रेयसी को जमुई विधानसभा से चुनाव लड़ाना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार चिराग और श्रेयसी की आपस में लगभग सहमति बन चुकी है। जमुई सांसद होने के कारण चिराग मुख्यालय की सीट लोजपा के लिए चाहते थे।

श्रेयसी के नाम पर सहमति बनने पर उन्होंने जमुई विधानसभा से फिलहाल दावेदारी छोड़कर चकाई पर दावेदारी बढ़ा दी है। यहां चिराग एक तीर से दो निशाना साधना चाहते हैं। एक तो नरेन्द्र सिंह जैसे बड़े कद के सामने उन्हें श्रेयसी के रूप में एक बड़ा चेहरा मिल जाएगा। दूसरा जमुई में राजपूत वोट बैंक को साधने में भी कामयाब हो जाएंगे। हालांकि भाजपा से चुनाव लड़ने के लिए श्रेयसी सिंह ने कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की है।

उन्‍होंने सिर्फ इतना कहा है कि घोषणा का इंतजार करिए। बगावत पर उतारू चिराग पासवान के साथ बीजेपी की बातचीत सकारात्‍मक कही जा सकती है। अब लग रहा है कि बीजेपी ने बीच का रास्‍ता निकाल लिया है। बता दें कि चिराग की नाराजगी के दो मुख्‍य मुद्दे रहे हैं। पहला तो एनडीए में सीटों के सम्‍मजनक बंटवारे (Seat Sharing) का है। दूसरा मुद्दा बिहार में बिहार में मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार से उनके मतभेद का है।

गाैर करें तो यह मतभेद भी विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे से जुड़ा है। नीतीश कुमार की पार्टी बीते विधानसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन का हिस्‍सा रहते हुए एलजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ी थी। इस बार उसके एनडीए में रहने के कारण कई सीटों पर दोनों दलों के दावे हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में एलजेपी को 42 सीटें दी गई थीं, जिनमें उसने दो पर जीत दर्ज की थी। एलजेपी बीते चुनाव से अधिक सीटें चाहती है, जिसमें जेडीयू बड़ी बाधा है।

ये हैं 27 सीटों की लिस्ट
गोविंदगंज , बिस्फी, अररिया, किशनगंज, आमतौर, बलरामपुर, मधेपुरा, अलीनगर, कियोटी, बरूराज, गड़ा, परसा, लालगंज, राजापार्क, तेघड़ा, अलौली, कहलगांव, मनेर, डेहरी, ओबरा, कंट्रास्ट, बेलगांव, रजौली, जमुई व सिकन्दरा और कटोरिया।