कमांडेंट नरेश कुमार हुए पुलिस पदक से सम्मानित

उज्जवल हिमाचल ब्यूराे। हमीरपुर

भोरंज उपमंडल के गांव घुमारली के कमांडेंट नरेश कुमार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और एनएसजी के महानिदेशक एमए गणपति ने पुलिस पदक से सम्मानित किया है। एनएसजी के 37 वें स्थापना दिवस पर उन्हें यह सम्मान मिला है। उनकी इस सफलता से भोरंज में खुशी की लहर है। कमांडेंट, नरेश कुमार 1996 बैच के सीआरपीएफ अधिकारी हैं। वर्तमान में ग्रुप कमांडर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड है। उन्होंने जम्मू और कश्मीर, और उत्तर पूर्व में अपनी सेवाएं दी है।

एक सहायक कमांडेंट के रूप में, उन्होंने जम्मू और कश्मीर और त्रिपुरा राज्यों में बेहद सफल आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया और वीआईपी सुरक्षा और महत्वपूर्ण स्थापना के लिए विशेष कर्तव्य समूह में सेवा की। कमांडेंट श्रीनगर, मेघालय में तैनात रहे और सीटीसी कोयंबटूर में तैनात रहते हुए अन्य बल कर्मियों को प्रशिक्षण दिया। नरेश ने अपनी बारहवीं तक कि शिक्षा मुख्यमंत्री आदर्श विद्यालय भोरंज से 1989 में की है, जिस कारण भोरंज स्कूल में भी खुशी का मौहाल है व ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन ने भी उनके सम्मानित होने पर खुशी प्रकट की है।

सेकेंड-इन-कमांड के रूप में, उन्होंने असम के धेमाजी में उल्फा के खिलाफ कई सफल अभियानों का नेतृत्व किया। सहयोगी के रूप में उन्होंने 2013-2016 के दौरान छतीसगढ़ में अत्यधिक नक्सल प्रभावित जिला सुकमा में माओवादी विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया। उनकी कमान के तहत कोर वामपंथी उग्रवाद क्षेत्र में कई नक्सलियों को गिरफ्तार किए गए। नरेश कुमार ने श्रीनगर में कमांडिंग बीएन ने खूंखार आतंकवादी बुरहान बानी के मारे जाने के बाद श्रीनगर में कानून-व्यवस्था की स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया और श्रीनगर के सबसे अशांत हिस्से में सैनिकों का नेतृत्व किया।

श्रीनगर में रहते उन्होंने अमरनाथ की यात्रा 2016-2018 में यात्रियों को सुरक्षा कवच दिया। उन्हें तीन बार महानिदेशक के प्रशस्ति डिस्क से अलंकृत किया गया है। हाल में महानिदेशक ने सम्मानित किया गया है। 25 वर्षों की उत्कृष्ट कार्य कुशलता व निःस्वार्थ एवं बेदाग सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीएम) प्रदान किया गया। यह प्रतिष्ठित पदक राष्ट्र के लिए की गई बेदाग सेवा के लिए है। नरेश के पिता किशन सिंह सेवानिवृत डीएसपी है।