आर्थिकी से जूझ रहा आम जनमानस : तिलक राज

कार्तिक । बैजनाथ
आम जनमानस कोरोना महामारी की चपेट के करण आर्थिकी से जूझ रहे हैं । यह बात पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं एनजीओ लोक सेवा मंच के संयोजक तिलक राज ने कही। तिलक राज ने कहा कि आज हर वर्ग कोरोना महामारी से ग्रस्त है रूप उसके भिन्न भिन्न है इस महामारी ने किसी भी परिवार को अपना ग्रास बनाने से नहीं छोड़ा तिलक राज ने कहा कि मैंने जब लोगों से बातचीत की और गांवों में जाकर लोगों के दुख दर्द को देखा और उनकी बात को सुनकर यह महसूस किया की आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा इस महामारी ने नुकसान पहुंचाया है और आगे कितना पहुंचाएगी इसका अंदाजा अभी तक तीन माह लोगों को इस महामारी से जूझते हुए हैं। तिलक राज ने कहा कि जो भाई टैक्सी चलाने ढाबा चलाते हैं या अन्य किसी भी प्रकार का रोजगार करते हैं और या किसी व्यवसाई के पास कार्य करते हैं या छोटे दुकानदार छोटे व्यवसाई जिन्होंने अपने घरों के निर्माण के लिए अपने व्यवसाय को चलाने के लिए या घर की अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंकों से ऋण ले रखा है उनकी मासिक किस्त देना उनके लिए अब काफी मुश्किल का स्वरूप नजर आ रहा है

 

क्योंकि चाहे व्यवसाय की बात हो रोजगार की बात हो आज 3 माह बीत जाने के बाद भी उक्त जनमानस को किसी भी प्रकार की आशा की किरण अभी दिखाई नहीं दे रही है । केंद्र सरकार व राज्य सरकारों ने लोगों की समस्याओं को कम करने के लिए कई प्रकार की नीतियां योजनाएं इस अवधि में चलाने में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने बैंकों को और अन्य संस्थानों को निर्देश देकर जनहित में कई प्रकार की कानूनी कार्यवाही के रूप में राहत दी है परंतु इससे लोगों का कुछ समय तक जब तक बैंक उनसे किस्त की अदायगी की बात नहीं करेंगे तब तक तो ठीक है। जब बैंक किस्त की अदायगी की बात करेंगे तो लोगों के लिए वह स्थिति बहुत ही कष्ट दाई होने जा रही है । इसलिए मेरा केंद्रीय व राज्य वित्त मंत्री दोनों से अनुरोध है कि लोगों के व्यवसाय लोगों के कार्यों लोगों की आर्थिक दृष्टि के अनुरूप उन्हें राहत देने के दिशा निर्देश बैंकों को दिए जाएं ताकि लोग अपनी दिनचर्या को पटरी पर लाने का पूर्ण हौसलों के साथ कार्य कर सकें।

मेरा केंद्रीय व राज्य वित्त मंत्री दोनों से आग्रह है कि लोगों को एलआईसी की जीआईसी की किस्तों को देने में भी अब आने वाले समय में कठिनाई हो रही है चाहे जीआईसी हो चाहे एलआईसी हो दोनों ने लोगों से बरसों से काफी धन अर्जित किया है यदि इस महामारी के समय वह कुछ राहत लोगों को दे सके तो इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं हो सकता मैं चाहता हूं कि इसके भी दिशानिर्देश आप एलआईसी और जीआईसी को दें कि वह लोगों को कम से कम 60 से 70ः लाभ दें ताकि प्रत्यक्ष तौर पर उन्हें अपने कार्य को करने में किसी प्रकार की रुकावट नहीं हो उक्त सभी बातें लोगों को राहत देने मात्र मेरा उद्देश्य नहीं है मेरा उद्देश्य लोगों को जो आर्थिक दृष्टि से अपने आप को पिछड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं उन्हें सहायता के रूप में बल देना है ताकि वह पूर्ण हौसलों के साथ इस कोरोना महामारी से भी लड़े और आर्थिक संकट में भी अपने आप को असहाय महसूस ना करें मेरा पुनः केंद्रीय व राज्य वित्त मंत्रियों से अनुरोध रहेगा कि मेरी उक्त बातों को गंभीरता से लें और लोगों को राहत देने के दिशा निर्देश दें।