उज्जवल हिमाचल। शिमला
पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर पूर्व सरकार के समय खोले गए संस्थानों को डिनोटिफाई कर एक नकारात्मक राजनीति की शुरूआत करने का आरोप लगाया है। भारद्वाज ने सरकार के इस कदम को गैर कानूनी और असंवैधानिक करार दिया।
पूर्व मंत्री ने कहा कि जिन अधिकारियों ने कुछ दिन पहले कैबिनेट के लिए इन संस्थानों को खोलने के बारे में एजेंडा तैयार किया था और सारी औपचारिकताएं पूरी की। वहीं अधिकारीगण आजकल चिट्ठियां निकाल कर जनता के हित में खोले संस्थानों को बंद करने में लगे हैं। इससे पता चलता है कि ब्यूरोक्रेसी किस प्रकार से सरकार पर हावी हो रही है।
शिमला से ज़ारी एक बयान में भारद्वाज ने कहा कि हर नयी सरकार से जनता को उम्मीदें होती है और कांग्रेस तो बड़े-बड़े लुभावने वादे कर सत्ता में आयी थी। लेकिन जो अभी तक अपने मंत्रिमंडल का गठन न पा रहे हैं। वो लोग एक सरकारी आर्डर निकाल कर कैबिनेट द्वारा लिए हुए निर्णयों को निरस्त कर रहे हैं।
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लोकतंत्र और संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस खुद इसका अपमान और दुरूपयोग कर रही है। उन्होंने कहा यह देखने वाली बात है कि कांग्रेस के लिए सरकार बनाने से ज्यादा ज़रूरी जनता की सुविधाओं के लिए खोले हुए संस्थानों को बंद करना है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कांग्रेस सरकार डिनोटिफाई सरकार के नाम से मशहूर है। लेकिन कैबिनेट की अनुपस्थिति में जहां विधायकों की शपथ तक नहीं हुई है वहां आते ही जनविरोधी निर्णय लिए जा रहे हों। ऐसे में सरकार का एजेंडा समझ आ सकता है। सरकार की प्राथमिकताएं क्या है, यह सबको समझ आ चुका है।
भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस बड़े-बड़े वाडे कर सत्ता में आयी है। अच्छा होता यह ऐसी त्वरित भावना से उनवादों पर निर्णय लेती। हर रोज़ सरकार दो-तीन ऐसे पत्र निकालती है। जिसमें संस्थान बंद करने का निर्णय लिया जाता है।
कांग्रेस में इस बार नए नेतृत्व के हाथ में कमान है और ऐसे में ऐसी नकारात्मक राजनीति शोभा नहीं देता। भारद्वाज ने कहा जिन वादों को लेकर कांग्रेस ने चुनाव लड़ा जनता अब उनसे इस बारे में पूछ रही है और इसी से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस ने अपना जनविरोधी चेहरा दिखाया है।