कांग्रेस सरकार ने धन का रोना रोते-रोते बीता दिया एक साल : बिंदल

उज्ज्वल हिमाचल। शिमला

शिमला कांग्रेस पार्टी की सरकार हिमाचल प्रदेश में सत्ता में आने के बाद एक साल होने को आया है। आज भी सुक्खू सरकार के मंत्रियों, प्रवक्ताओं और स्वयं मुख्यमंत्री के बयानांे से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस यह मानने को तैयार नहीं है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में है और भाजपा प्रतिपक्ष में है। सरकार में स्थापित लोगों के निरंतर एक ही बयान आ रहे हैं कि भाजपा ने यह नहीं किया, वो नहीं किया, ऐसा नहीं किया, वैसा नहीं किया और केवल और केवल धन का रोना रोते रोते एक साल बीता दिया।

कहा-प्रदेश में लंबे समय तक सत्ता में रही कांग्रेस

डॉ. राजीव बिन्दल प्रदेश अध्यक्ष भाजपा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में लम्बे समय तक कांग्रेस पार्टी ही सत्ता में रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी तो 1990 के बाद सत्ता में आनी शुरू हुई। प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पूरी तरह डूबोने का काम यदि किसी ने किया है तो उसके लिए कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की सरकार जिम्मेवार है। 2022 के आम चुनावों के दौरान अरबों रूपये की घोषणाएं, गारंटियां जब चुनावी जनसभाओं में कांग्रेस के नेता दे रहे थे। उस समय प्रदेश की माली हालत का इन्हे सब कुछ मालूम थाए फिर भी केवल और केवल झूठ के आधार पर वोट बटोरने के लिए गारंटियां बांटी जा रही थी।

सुक्खू सरकार ने 1500 स्कूल, कॉलेज इत्यादि किए बंद

डॉ. बिन्दल ने कहा कि पिछले 10 महीनो में अव्यवस्था ही व्यवस्था है। 1500 स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, तहसीलें इत्यादि संस्थान बंद कर दिए और उनका कोई माकूल जवाब सरकार नहीं दे रही हैए यह सबसे बड़ी अव्यवस्था है। 1 लाख बेरोजगारों को पहली कैबिनेट में सरकारी नौकरी देने की गारंटी पूरी न करके बेरोजगार युवकों की पीठ में छूरा घोंपा है और इसके विपरीत हजारों लोग जो नौकरी में लगे हुए हैं। उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। इससे बड़ी अव्यवस्था क्या होगी, जिला परिषद कर्मी सड़क पर हैं, उनको झूठे वायदे किए गए। एसएमसी अध्यापक सड़क पर हैं, उनको झूठे वायदे किए गए और कोरोना वॉरियर्स रोते बिलखते कांग्रेस की सरकार के शिकार हो गए हैं, इससे बड़ी अव्यवस्था क्या हो सकती है।

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घाटे में चल रहे सरकारी संस्थानों का लगातार बढ़ता जा रहा घाटा

डॉ. बिन्दल ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार बेचारी होने का ढोंग रच रही है। ऐसा न होने का ढिंढोरा पीट रही है जबकि गैर कानूनी तौर पर चीफ पार्लियामेंट सैक्रेट्रीज की फौज भर्ती की है। जिन्हें पूरा सरकारी अमला प्रदान करके सरकार पर खर्चे का बोझ बढ़ाया है। कैबिनेट रैंक के अनेक ओएसडी, सलाहकार प्रतिदिन भर्ती किए जा रहे हैं। घाटे में चल रहे सरकारी संस्थानों का लगातार घाटा बढ़ता जा रहा है। इसके विपरीत जहां सीधा सीधा जनकल्याण जुड़ा है जैसा कि नगर पालिकाएंए नगर निगमए नगर पंचायतों से सौ करोड़ रूपये विकास कार्यों का वापिस मांग लिया है। सरकार के खर्चे में कोई कटौती नहींए विकास कार्य पूरी तरह बंद हैए यह है अव्यवस्था।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला

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