कोविड-19 के अध्याय भी हाें पाठ्यक्रम में शामिल

एसके शर्मा। हमीरपुर

प्रदेश एससीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में कोरोना महामारी से जुड़े अध्याय डालने हेतु शीघ्र कदम उठाए। उक्त मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय कला स्नातक शिक्षक संघ हमीरपुर अध्यक्ष विजय हीर ने उठाई है। उनके अनुसार राज्य शिक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) सोलन और समग्र शिक्षा अभियान निदेशालय कोरोना से जुड़े अध्याय अगर समय पर तैयार करता है, तो अगले सत्र की किताबों में प्रदेश के विद्यार्थी इसके प्रति और अधिक जागरूक होंगे और भविष्य में होने वाले और ऐसे विषाणु जनित रोगों से लड़ने में सक्षम होंगे।

कोविड-19 के प्रति मूल जानकारी प्राथमिक स्तर की पाठ्य पुस्तकों में शामिल की जानी चाहिए, जबकि कक्षा 6 से 10 की आपदा प्रबंधन की पाठ्यपुस्तकों में एक भी अध्याय विषाणु जनित महामारियों के संदर्भ में नहीं दिया गया है। ऐसे में कोविड आपदा, कोरोना वायरस और ऐसे अन्य संचारणीय विषाणु जनित रोगों से बचाव हेतु उपायों, कोविड के कारण हुई व्यापक क्षतियों और इसके कुप्रभावों से निपटने के उपाय सहित भविष्य हेतु तत्परता से जुड़े तथ्यों का पाठ्यक्रम में कक्षा 6 से 12 हेतु स्थायी रूप से डालना आवश्यक है।

हीर ने कहा कि विज्ञान और सामाजिक अध्ययन विषयों में भी अनावश्यक पाठ हटाते हुए कोविड-19 के विषय पर आवश्यक पाठ शामिल होने चाहिए, जिसमें वायरस की प्रकृति व इसके नष्ट करने के उपाय, लॉकडाउन के नियम व कानून, आईसोलेट करने और ज़रूरी संरचना सुधारों के प्रति जानकारी बच्चों को दी जे चाहिए। यदि प्रदेश शिक्षा विभाग इस मांग को स्वीकार करता है, तो स्कूली पाठ्यक्रम में ऐसा सुधार करने वाला पहला राज्य बन सकता है।

कक्षा तीसरी को बोर्ड बनाने से पूर्व लें शिक्षकों की राय
विजय हीर ने कहा कि नाई शिक्षा नीति के तहत तीसरी कक्षा को बोर्ड कक्षा बनाने का फैसला केवल शिक्षकों की सलाह से लिया जाए। क्योंकि बोर्ड कक्षाओं की संख्या को सीमित रखना भी आवश्यक है और एलीमेंटरी व्यवस्था में कक्षा 3 ,5 और 8 को बोर्ड परीक्षा घोषित करने से बच्चों के लिए अतिरिक्त भार पड़ सकता है। सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे पूर्व प्राथमिक विद्यार्थियों को प्राथमिक शिक्षकों से ही पढ़वाने पर भी विचार होना चाहिए। सरकार द्वारा 7852 पार्ट टाईम मल्टी टास्क वर्कर्स भर्ती को शुरू करने हेतु संघ ने सरकार का आभार व्यक्त किया है।