सांस्कृतिक नेतृत्व करने वाला प्रदेश बन गया गुंडागर्दी का अड्डा : दिलीप घोष

शकुंतला ठाकुर। कुल्लू

कभी सांस्कृतिक नेतृत्व करने वाला प्रदेश, कभी महापुरुषों का संदेश दुनिया भर में पहुंचाने वाला प्रदेश आज खून के रंग में लाल हो गया है तथा बीते वर्षों में अभी तक 55000 राजनीतिक हत्याएं प्रदेश में हुई है। यह बात पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद दिलीप घोष ने गुरुवार को आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी के माध्यम से कही। उन्होंने कहा कि कभी कला, साहित्य संस्कृति के लिए मशहूर पश्चिम बंगाल में कोने-कोने से धमाकों व गोलियों की आवाज सुनाई देती है। हर जिला में बंदूक व गोला बारूद बनाने का कारखाना लग गया है। उन्होंने कहा कि कभी जिस धरती से वंदे मातरम वह मातृ भक्ति के गीत पूजा करते थे। आज वहां पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं।

  • रामकृष्ण परमहंस, सुभाष चंद्र बोस, रविंद्र नाथ टैगोर की धरती हो रही लहूलुहान
  • 55000 हत्या से लाल हुआ बंगाल, 8200 हिंसक घटनाएं हो चुकी है दर्ज

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को बांटने की बड़ी साजिश रची जा रही है। दिलीप घोष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की चुन-चुन कर हत्या की जा रही है, उनके घरों को जलाया जा रहा है। बहू-बेटियों की आबरू लूटी जा रही है। पश्चिम बंगाल की सरकार ममता बनर्जी के नेतृत्व में सब कुछ देख कर अनसुना व अनदेखा किए हुए हैं। पुलिस प्रशासन दीदी के दबाव में है व कार्रवाई करने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि बीते 5 वर्षाें में ही 166 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है तथा बंगाल विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद 37 भाजपा कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि अभी तक 8200 घटनाएं रिकॉर्ड में है तथा पश्चिम बंगाल की पुलिस ऐसी घटनाओं पर कोई संज्ञान नहीं लेती।

दिलीप घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल की 2216 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जो कि बांग्लादेश के साथ है लगती है, जिसमें से एक हजार किलोमीटर की बाढ़ बंदी नहीं हुई तथा ऐसे में रोहिंग्या व बंगलादेशी घुसपैठ करके पश्चिम बंगाल में दाखिल होकर हिंसक घटनाओं को अंजाम देते आए हैं, जिन्हें ममता सरकार व टी एम सी का सरंक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा की यह सब सीपीएम के राज से शुरू हुआ है, जो कि आज टीएमसी के राज में भी जारी है। दिलीप घोष ने कहा कि 2018 के पंचायत चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने उस समय हिंसक परिस्थितियों में चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस व सीपीएम हिंसा की घटनाओं को देखकर मैदान छोड़कर भाग गई। उस समय 35 से 40 प्रतिशत सीटें भारतीय जनता पार्टी की झोली में आई, परंतु टीएमसी के गुंडों ने 2100 जीते उम्मीदवारों को वहां से भगाया।

पंचायती राज चुनावों एवं लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों में 15 भाजपा विधायकों पर हमले हुए। दिलीप घोष ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का ही मनोबल वह हौंसला है कि कभी तीन सीटें भाजपा की हुआ करती थी, जो आज बढ़कर 77 हो गई है। उन्होंने कहा कि बीते लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की झोली में 18 लोकसभा की सीटें हैं। आई जो टीएमसी से छीनी है तथा टीएमसी की 34 सीटों से घटकर 22 सीटें ही रह गई।

दिलीप घोष ने कहा कि स्वतंत्रता के समय पश्चिम बंगाल की इकोनॉमी में 24 प्रतिशत पर थी, सीपीएम के राज में यह 15 प्रतिशत हुई, जो कि अब टीएमसी के राज में 7 प्रतिशत रह गई है तथा भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि बिना पैसा दिए सरकारी कार्यालयों में कोई काम नहीं होता तथा प्रदेश आर्थिक तौर पर पिछड़ गया है। साथ ही शिक्षा के क्षेत्र व सांस्कृतिक क्षेत्र तथा सुरक्षा की दृष्टि से भी प्रदेश पिछड़ा है।

उक्त संगोष्ठी में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार, प्रदेश भाजपा सह प्रभारी संजय टंडन, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, वित्त आयोग प्रदेश के अध्यक्ष सतपाल सत्ती, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राम सिंह, प्रवक्ता रणधीर शर्मा, त्रिलोक जमवाल, राकेश जमवाल सहित प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य, बुद्धिजीवी वर्ग, पत्रकार जगत के सम्माननीय पत्रकार तथा प्रदेश, ज़िला के भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे।