शुक्र है जूही चावला मामले की नहीं की सुनवाई

उज्जवल हिमाचल। डेस्क
बाबा रामदेव के खिलाफ दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान बृहस्पतिवार को जब अभिनेत्री जूही चावला के मामले का जिक्र हुआ तो न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने चुटकी लेते हुए कहा कि कहा कि वो सचमुच, एक म्यूजिकल सुनवाई थी। शुक्र है कि उस मामले की सुनवाई से उन्होंने खुद को अलग कर लिया था। उन्होंने कहा कि अब देखते हैं बाबा रामदेव के मामले की मीडिया में किस तरह से रिपोर्टिंग होती है। इस पर बाबा रामदेव की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कहा कि उन्होंने इस सुनवाई का लिंक किसी के साथ साझा नहीं किया है। उन्होंने अदालत को बताया कि जूही चावला ने सुनवाई का वेब-लिंक ट्विटर पर साझा कर दिया था।

असल में बुधवार को न्यायमूर्ति जेआर मिधा की पीठ के समक्ष जूही चावला की याचिका पर सुनवाई के दौरान एक व्यक्ति ने जूही चावला के गानों को गाना शुरू कर दिया, जिससे कई बार सुनवाई बाधित हुई। व्यक्ति को अदालत के निर्देश पर सुनवाई से बाहर की किया गया, लेकिन वह बार-बार सुनवाई में शामिल होकर गाने गाता रहा। आखिर में अदालत ने कोर्ट मास्टर को कहा कि इस व्यक्ति की पहचान करने को दिल्ली पुलिस को कहा जाए, ताकि अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जा सके। जूही चावला ने भी वर्चुअल सुनवाई में साउथ अफ्रीका से हिस्सा लिया था।

गौरतलब है कि दिल्ली मेडिकल एसोसिएश द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान योग गुरु रामदेव को एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ या कोरोनिल के पक्ष में बयान देने से रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में किसी भी तरह की रोक को फ्री स्पीच की कसौटी पर कसा जाना चाहिए। इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव को समन जारी करते हुए उन्हें नसीहत दी कि वे एलोपैथी को लेकर ऊलजुलूल बयानों से बचें। कोर्ट ने रामदेव से कहा कि ‘आप कोरोनिल का प्रचार करें, कोई दिक्कत नहीं पर एलोपैथी को लेकर ऐसे बयान देने से बचें।’ दिल्‍ली मेडिकल ए‍सोसिएशन की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह बात कही। अब इस अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी।