उज्जवल हिमाचल। मंडी
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली की अदालत ने उपायुक्त मंडी को पेड़ों के तनों से कंक्रिट हटाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने सुंदरनगर की क्रयास एनजीओ द्वारा की गई शिकायत को आधार मानते हुए यह आदेश दिए हैं। अदालत ने यह भी निर्देश दिए हैं कि उपायुक्त मंडी वन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त समिति बनाकर कार्रवाई करे।
क्रयास एनजीओ के ट्रस्टी आशीष शर्मा और धर्मेश शर्मा ने मंडी जिला के सुंदरनगर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सड़कों के किनारे व अन्य स्थानों पर पेड़ों के तनों को कंक्रिट से ढक दिया गया है। कंक्रिट से ढकने से तनों को नुकसान पहुचता है और पेड़ की जड़ें कमजोर हो जाती हैं। जिस कारण पेड़ों के टूटकर गिरने का खतरा बना रहता है।
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गत वर्ष चंडीगढ़ में ऐसे ही एक पेड़ के गिरने से उसकी चपेट में आकर एक बच्ची की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि एनजीटी जस्टिस सुधीर अग्रवाल की खंडपीठ ने कार्रवाई के लिए दो महीेने का समय दिया है। इस निर्णय की प्रति एनजीटी द्वारा मेल के माध्यम से उपायुक्त मंडी, वन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी प्रेषित कर दी है। उन्होंने सरकार से भी इस निर्णय को पूरे प्रदेश में लागू करने की मांग की है। इस अवसर पर ट्रस्ट के सदस्य अनुज सोनी भी मौजूद रहे।