जाहू में हवाई अड्डा बनाने की उठने लगी मांग

नरेश कुमार। जाहू (भाम्बला )

 

उप-मंडल सरकाघाट के विकास खण्ड गोपालपुर के चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों ने मंडी जिला के नेरचौक में प्रस्तावित हवाई अड्डे का किसानों द्वारा विरोध की परिस्थिति में भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री व प्रदेश मुख्यमंत्री को जाहू क्षेत्र में हवाई अड्डे के निर्माण के लिए अपना ज्ञापन सौंपा । इस प्रतिनिधिमंडल को हमीरपुर जिला की जाहू क्षेत्र से संबंधित पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी अपना समर्थन दिया और प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए। इसके साथ सरकाघाट क्षेत्र की भूतपूर्व सैनिक लीग के पदाधिकारियों ने भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर इस मांग का समर्थन किया । प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को उठाया की जाहू क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के मध्य में स्थित है व बड़ी हवाई पट्टी के निर्माण के लिए भौगोलिक ,सामरिक व जलवायु के दृष्टिकोण से बिल्कुल उपयुक्त जगह है व इस क्षेत्र में बड़ी हवाई पट्टी का निर्माण किया जा सकता है जो कि नेरचौक में संभव नहीं है ।

यदि जाहू क्षेत्र में हवाई अड्डे का निर्माण किया जाता है तो न ही लोगों का विस्थापन होगा व न ही किसानों की नेरचौक की तरह आर्थिक रूप से बहुमूल्य बहु- फसलीय भूमि का अधिग्रहण होगा और नेरचौक में इसके निर्माण की तुलना में इसे जाहू क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम आर्थिक बजट से इसका निर्माण संभव है । छोटी हवाई पट्टियां पहले ही हिमाचल प्रदेश में शिमला ,कांगड़ा, कुल्लू भुंतर में मौजूद हैं। हिमाचल प्रदेश को बड़ी हवाई पट्टी की जरूरत है ताकि बड़े विमान की सुविधा मिल सके व लोग सस्ता हवाई सफर कर सकें। जबकि छोटे विमानों में हवाई सफर महंगा होता है। गौरतलब है कि नेरचौक घाटी में किसान अपनी बहु- फसलीय जमीन को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि व प्रति बीघा सालाना 3 से 4 लाख की आमदन कमाते हैं जबकि उन्हें बड़े कम दाम में अपनी जमीन छोड़नी पड़ रही है जिसके लिए वे कतई तैयार नहीं हैं।

नेरचौक में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाना संभव नहीं है क्योंकि उसके लिए सुंदरनगर की बंदली पहाड़ियों को 500 मीटर तक काटना पड़ेगा जोकि संभव नहीं है । जाहू क्षेत्र में आसानी से बड़े विमान को उतरने के लिए 3150 मीटर का रनवे बनाया जा सकता है और इस हवाई अड्डे का निर्माण काफी आसानी से किया जा सकता है और लोगों में भी यह भावना है कि यह हवाई अड्डा जाहू क्षेत्र में ही बनाया जाए ।

प्रतिनिधिमंडल ने गुहार लगाई है कि मिनी पंजाब से जानी जाने वाली नेरचौक की उपजाऊ भूमि में हवाई अड्डा बनाने के बजाय इसे जाहू क्षेत्र में बनाया जाए। प्रतिनिधिमंडल ने सरकाघाट में केंद्रीय विद्यालय की सुविधा को लेकर भी प्रदेश मुख्यमंत्री को मांग पत्र भेजा। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय न होने के कारण प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी सरकाघाट क्षेत्र में नौकरी नहीं करना चाहते हैं और यहां के लोग भी अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए बड़े शहरों की ओर पलायन करने के लिए मजबूर होते हैं ।


सरकाघाट क्षेत्र के लिए स्वीकृत केंद्रीय विधालय उपयुक्त जमीन न मिलने के कारण अभी तक नहीं खोला जा रहा है । सरकाघाट में केंद्रीय विधालय से न केवल सरकाघाट क्षेत्र बल्कि धर्मपुर उपमंडल, हमीरपुर जिला का भोरंज क्षेत्र व बिलासपुर जिला का कुछ हिस्सा भी इस सुविधा से लाभान्वित होगा । केंद्रीय विधालय की सुविधा से न केवल क्षेत्र के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी बल्कि क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। प्रतिनिधिमंडल में 50 पंचायतों पंचायतों के प्रधान, उप प्रधान, नबाही व बलद्वाडा वार्ड के जिला परिषद सदस्य व पंचायत समिति सदस्य मौजूद रहे।