वाल्मीकि समाज की मांगों को गंभीरता से लें प्रदेश सरकार : सुदेश सहोंतरा

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुदेश सहोंतरा ने एक बार पुनः हिमाचल में जयराम ठाकुर सरकार से विनती की है की वाे वाल्मीकि समाज की बार-बार जो मांगे उठाई है, जिसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर भी उठाया जा चूका है, पर सरकार इन मांगों के प्रति अपना पूर्व सरकार की तरह उदासहीन रवेया अपनाए हुए हैं, जिसके कारण वाल्मीकि समाज का विश्वास सरकार के प्रति खत्म हो रहा है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया की समाज की मांगों का मांग पत्र वाे कई बार दे चुके हैं। इस बार मांग को नहीं दोहराउंगा अगर सच में सरकार वाल्मीकि समाज की हितैषी है, तो उन मांग पत्र पर गौर करके उसे पूरा करने की कोशिश करें।

एक बार पुनः बड़े दुःख के साथ लिखना पड़ रहा है कि उस वाल्मीकि कल्याण बोर्ड का क्या फायदा जिसकी आज तक एक बैठक भी नहीं हुई और जो कल्याण बोर्ड के सदस्य है, वाे सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे हैं की सरकार का कब न्याैता आए और वाे वाल्मीकि समाज का दुखड़ा सुनाएं। वाल्मीकि समाज की मांगों को गंभीरता से न लेने का मुख्य कारण यह है कि सरकार में कोई भी वाल्मीकि समाज का नेता पार्टी मे ना तो विधायक है और न ही उच्च पद पर है। अन्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ावर्ग के नेता वाल्मीकि समाज की मांगों को नहीं उठाते है और न ही ज्यादा तबज्जाें देते हैं।

काश वाल्मीकि समाज का कोई नेता वाल्मीकि कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष या उपाध्यक्ष होता, तो शायद न जाने कितनी बैठक हो जाती, मैं सरकार को आगाह कर देना चाहता हूं की अब बो 35-40 वर्ष पुराना समाज नहीं है, जो वोट बैंक की खातिर यूज़ हो जाते थे, अब सभी अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक है। सुदेश सहोंतरा ने मांग की है की देश के अन्य राज्यों की तरह हिमाचल मे सफाई कर्मचारी आयोग का गठन करें, ताकि सफाई कर्मचारियों को अपने उज्ज्वल भविष्य की लो दिखाई दे।