75 साल बाद भी प्रदेश का यह गांव सड़क सुविधा से वंचित

पक्की सड़क तक मरीजों को पालकी में पहुंचाना पड़ता

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर

कांगड़ा की पंचायत नाणा का वार्ड नं-6 पारला वंडेरू आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद आज भी सड़क सुविधा से वंचित है। गांव में तकरीबन 35 घर हैं जिनको सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए पंचायत घर वंडेरू से लेकर पारला वंडेरू तक वन विभाग द्वारा वर्ष 1980 में मार्ग निकाला गया था लेकिन विडंवना है कि भाजपा व कांग्रेस सरकार के प्रतिनिधियों को बार-बार अवगत करवाने के बाद भी आजतक मार्ग पक्का नहीं हो पाया।

स्थानीय पंचायत के निवासी जगदीश राणा, जीत सिंह, कुंजू राम, शोंकी राम, तिलक राज, बलविंदर, उत्तम सिंह, करनैल सिंह, शिव कुमार, सुरम सिंह, बरियाम, शेर सिंह, वार्ड सदस्य सुनीता देवी, नितिन कुमार, कंचना देवी, इंद्रा देवी, भोजा देवी, विचित्र सिंह, नीतू देवी, गुड्डो देवी, सुषमा देवी, तेज सिंह, तिलक राज, जीवन कुमार, रंजना देवी, लज्या देवी, सुषमा देवी, बीना देवी, सुंदरी राणा, गणेश राज, हरबंस लाल इत्यादि ने कहा कि जब भी कोई बीमार हो जाता है तो मरीज को पालकी में डालकर एक किलोमीटर उठाकर पक्की सड़क तक पहुंचाना पड़ता है तब जाकर एंबुलेंस की सुविधा मिल पाती है। बारिश होने पर बच्चों को कंधे पर बैठाकर स्कूल छोड़ना पड़ता है।

कई बार बच्चे स्किड होकर गिर जाते हैं तो उनके स्कूल बैग सहित यूनिफार्म कीचड़ से लथपथ हो जाती है। मकान बनाना मुश्किल हो गया है क्योंकि मैटीरियल घर तक पहुंच नहीं पाता है।इन बुजुर्गों ने कहा कि हमें तो पक्की सड़क तक गए भी काफी साल बीत गए हैं। पक्की सड़क की आस में अब हमारी आंखें भी पत्थरा गई हैं। यहां के गांवववासियों ने कहा कि पिछली सरकार में विधायक रहे अर्जुन सिंह को भी मार्ग बारे अवगत करवाया गया था लेकिन कोई हल न हुआ। अब मौजूदा सरकार में मंत्री चंद्र कुमार को अवगत करवाया गया है उन्होंने एकजुट होकर निर्णय लिया है कि अगर लोस चुनाव से पहले मार्ग पक्का न हुआ तो चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

संवाददाताः विनय महाजन

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें