5 को श्रीराम के रंग में रंगने जा रही देवभूमि हिमाचल, VHP ने किया ऐलान

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

अयोध्या में श्रीरामलला के भव्य मंदिर की निर्धारित निर्माण कार्य शुरू होने के दिन प्रदेश का हर घर, हर मंदिर और सार्वजनिक स्थल राममय होने जा रहा है। अयोध्या में 5 अगस्त को श्री राम मंदिर निर्माण कार्य शुरु होने पर संपूर्ण प्रदेश में सत्संग का आयोजन होगा। वहीं इस विशेष पावन अवसर पर शाम 7 बजे से हर घर 11 दीपकों की रोशनी से जगमग होगा। श्री राम के नाम इस पावन यज्ञ में प्रदेशवासियों की ओर से यह सत्संग रुपी आहूति होगी। यह प्रदेशस्तरीय ऐलान विश्व हिंदू परिषद ने शुक्रवार को सुंदरनगर से कर दिया है।

विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रमुख लेखराज राणा ने सुंदरनगर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि देश भर के लिए यह हर्ष का विषय है। इस विशेष दिन को एक पर्व के रुप में आयोजित करने और अपनी खुशी व्यक्त करने का यह सुनहरा अवसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा श्री राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरु होते ही इस देवभूमि के सभी लोग अपने-अपने घरों और सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए अगर संभव हो तो धार्मिक स्थलों में सुबह 11 से साढ़े 12 बजे अपने परिवार के सदस्यों के साथ भजन-कीर्तन कर प्रशाद वितरण करें। इसके बाद शाम 7 बजे अपने घर के दरवाजों पर 11 दीपक जलाएं।

लेखराज राणा ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया है कि इस दिन वे अपने घरों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर फलदार और औषधीयुक्त पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा करने की संकल्प भी लें, जिससे इस दिन को ऐतिहासिक बनाया जा सके। इसके साथ ही जो लोग श्री राम मंदिर निर्माण में अपना योगदान देना चाहते हैं तो वे श्री राम मंदिर ट्रस्ट के अकाउंट पर अपनी योगदान रुपी राशि भेज पुण्य के भागीदार बन सकते हैं। इस अवसर पर केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य स्वामी सोहन दास, प्रांत सत्संग प्रमुख रमेश परमार, प्रांत समन्वय प्रमुख शमशेर सिंह ठाकुर, मंडी जिला की मातृशक्ति संयोजिका कांता शर्मा और सुंदरनगर जिला की सह संयोजिका रीमा शर्मा भी मौजूद रही।

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प्रदेश के 100 से अधिक स्थानों से पवित्र मिट्टी और जल पहुंंचा अयोध्या

लेखराज राणा ने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण के लिए प्रदेश के 100 से अधिक पवित्र स्थानों की मिट्टी और पवित्र जल अयोध्या पहुंच चुका है। इन पवित्र स्थानों में प्रमुख रुप से सतलुज, व्यास, चंद्रभागा, मणिमहेश, श्रीखंड महोदव, रिवालसर, पराशर, शिकारी देवी, कमरुनाग, शुकदेव वाटिका, रेणुका जी, बाबा बालक नाथ सहित अन्य स्थानों की मिट्टी और जल एकत्रित किया गया था। उन्होंने कहा कि यह पवित्र जल औ मिट्टी अयोध्या पहुंच गया है। लेखराज राणा ने कहा श्री राम मंदिर निर्माण के लिए साढ़े तीन लाख से अधिक लोगों ने अपना बलिदान दिया है। अब समय है कि इस दिन को एक पर्व के रुप में मनाया जाए।

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