विकास के नाम पर विनाश का मॉडल बन रही देवभूमि हिमाचल

आपदा से बेघर हुए लोग शर्णार्थियों की तरह जीवन बिताने को मजबूर हुए लोगए। मामले में एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी बोले राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्र और पीड़ित लोगों के हुए नुकसान का किया जा रहा आंकलन ।

उज्ज्वल हिमाचल। मंडी

देवभूमि हिमाचल प्रदेश आज सूबे में विकास के नाम पर हुए गैर-नियोजित विकास से कहरा रही है। प्रदेश में पानी के रूप में बरसे कहर से अनेक स्थानों पर लोग अपने घर बार छोड़कर शरणार्थियों की तरह रहने को मजबूर हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसा ही एक मामला मंडी जिला के विकास खंड सुंदरनगर की ग्राम पंचायत सलवाणा के गांव गमोहूं में भी सामने आया है। जहां दो भाइयों का परिवार अपना घर बार छोड़ दूसरों के घरों में शरणार्थी बन रहने को मजबूर हैं। गांव में ही किराए पर लिए दो कमरों में 13 लोगों का परिवार रह रहा है। परिवार में 2 वृद्ध माता-पिता, 5 बच्चे, 4 महिलाएं और 2 भाई जगदीश चंद और गोविंद हैं। फोरलेन निर्माण से पहले तक दोनों भाई पुराने घर में रहते थे लेकिन जैसे ही फोरलेन निर्माण के लिए टनलों की खुदाई दोनों परिवारों पर आफत बन कर टूट पड़ी।

भवाणा टनल के निर्माण के दौरान हर रोज भारी भरकम मशीनों की पहाड़ी में खुदाई से होने वाली कंपन से रसोई के बर्तन गिरते थे। इसे के चलते धीरे-धीरे घर में दरारें आना शुरू हो गई थी। उस दौरान इस परिवार ने अपनी समस्या एनएचएआई को कई बताई और विरोध भी जताया था लेकिन किसी पर उनकी परेशानी का कोई असर नहीं हुआ। जगदीश चंद और गोविंद बताते हैं कि 13 अगस्त की रात को हुई बारिश से घर के ठीक सामने की जमीन करीब एक फीट तक धंस गई। इसके कारण दोनों भाईयों के मकान और पुराने मकान में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई और संभावित खतरे को देखते हुए मकान से आवश्यकता का सामान निकाल अब किराए पर लिए दो कमरों में रह रहे हैं।

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भारी बारिश से उनकी 8 बीघा भूमि में से 6 बीघा में जगह-जगह दरारें पड़ चुकी हैं। शुक्रवार को सुंदरनगर के दौरा पर पहुंची सांसद प्रतिभा सिंह से भी परिवार ने अपनी परेशानियां बताई और सरकार व प्रशासन से आग्रह है कि उनका और उन जैसे अन्य परिवारों के रहने का स्थाई समाधान किया जाए। वहीं मामले पर एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी ने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा सभी प्रभावित क्षेत्रों और पीड़ित लोगों के हुए नुकसान का आंकलन कर इसका प्रारूप बनाकर सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाद ही सभी प्रभावितों को हुए नुकसान की एवज में राहत राशि प्रदान की जाएगी। इस पर राजस्व विभाग की टीम कार्य कर रही है।

संवाददाताः उमेश भारद्वाज

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