वाह खूब: देखें करसोग के ओमप्रकाश द्वारा तैयार डिजिटल बुशहरी पहाड़ी टोपी

टोपी में चलेगा पंखा और इलईडी लाइट

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

हिमाचल प्रदेश के सिर का ताज कहे जाने वाली ‘हिमाचली टोपी’ के स्वरूप में पिछले वर्षों में कई आधुनिक बदलाव देखे जा रहे हैं। ऐसा ही पहाड़ी टोपी में एक हाईटेक बदलाव करने का कारनामा मंडी जिला के करसोग उपमंडल की सोरता पंचायत के टिकर गांव के ओमप्रकाश ने कर दिखाया है। ओमप्रकाश ने घर में बेकार समझकर फेंके गए इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान को इकट्ठा करना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने प्रदेश की शान कही जाने वाली हिमाचली टोपी को नया रूप देकर डिजिटल टोपी तैयार की है। इस टोपी में गर्मी से राहत देने के लिए पंखे के साथ डिजिटल एलईडी लाइट लगाई गई है। हैरानी की बात यह है कि जिंदगी में कुछ अलग करने की चाह रखने वाले ओम प्रकाश को दिल के रोग से ग्रसित होने के कारण जमा दो में ही पढ़ाई छोड़कर घर बैठना पड़ा था। ऐसे में ये डिजिटल बुशहरी पहाड़ी टोपी क्षेत्र के लोगों के बीच चर्चा का भी विषय बन गया है।

 

बता दें कि देश और विदेश में प्रसिद्ध हिमाचली टोपी पहनना प्रदेश के लोगों की शान है, लेकिन गर्मियों में टोपी पहनने पर गर्मी का अहसास होता है। ऐसे में गर्मी पड़ने से टोपी को बार-बार सिर से हटाना पड़ता है। लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए ओम प्रकाश के मन में ऐसी टोपी तैयार करने का विचार आया, जिसे भीषण गर्मी पड़ने पर भी सिर से न हटाना पड़े। इसको लेकर ओमप्रकाश ने ऐसी टोपी तैयार की, जिसे पंखा चलाकर ठंडा किया जाता है। यही नहीं टोपी में लगे फूलों की शान बढ़ाने के लिए एलईडी लाइट भी लगाई गई हैं। इससे रात के समय टोपी एलईडी की कई तरह की लाइटों से भी जगमगाती है।

 

टोपी में लगाया गया ये सिस्टम सोलर से चलता है। टोपी के ऊपर सोलर प्लेट लगाई गई है। इसके नीचे टोपी को ठंडा करने के लिए पंखा भी मौजूद है। ओम प्रकाश ने कहा कि आधुनिक किस्म की बुशहरी टोपी तैयार की है, जिसमें सिर को ठंडा रखने के लिए पंखा लगाया गया है। इसी तरह से टोपी में लगे फूलों को एलईडी लाइट के साथ सजाया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को बार-बार गर्मियों में टोपी सिर से हटानी पड़ती थी। इसी समस्या को देखते हुए उनके मन में नई तरह की टोपी तैयार करने का विचार आया था।