नूरपुर में फोरलेन की गलत कटिंग से, किसान की 3 कनाल जमीन तबाह

उज्ज्वल हिमाचल। नूरपुर

नूरपुर नगर परिषद के अंतर्गत वार्ड 7 में जसालता में फोरलेन निर्माण कंपनी की बेतरतीब कटिंग के कारण एक किसान की करीब तीन कनाल फ़सल युक्त भूमि भूस्खलन के चलते बुरी तरह तबाह हो गई है। पीड़ित किसान ने एनएचएआई और प्रशासन से मांग की है कि उसके नुकसान की भरपाई की जाए। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य को रोकने के लिए अदालत में जाने को तैयार हैं। पीड़ित किसान जसालता वार्ड 7 का निवासी है। निक्का राम ने बताया कि फोरलेन निर्माण के चलते उसकी करीब सात कनाल भूमि अधिग्रहित की गई थी। जिसके चलते पहले एक ही भूमि के तीन अलग-अलग अवार्ड कर उसके साथ घोर अन्याय किया गया। फिर दो अवार्ड का भुगतान किया और तीसरे अवार्ड का एक भी पैसा न देने के बावजूद उसकी भूमि पर 33 मीटर गहरी कटिंग कर दी गई। जिसके कारण उसकी साथ लगती करीब तीन कनाल फ़सल युक्त भूमि भूस्खलन की भेंट चढ़ गई।

इस सम्बंध में उन्होंने एन एच ए आई और नूरपुर प्रशासन से कई बार गुहार लगाई कि बेतरतीब कटिंग से उसकी साथ लगती भूमि तबाह हो जाएगी। लेकिन निर्माण कम्पनी ने धक्के शाही करते हुए कटिंग कर दी जिसके कारण उसकी साथ लगती करीब 3 कनाल फ़सल युक्त भूमि भूस्खलन की भेंट चढ़ गई है तो उक्त जगह स्थित 110 मेगावाट का विद्युत पोल भी पूरी तरह असुरक्षित हो गया है स निक्का राम ने बताया कि उसने निर्माण कम्पनी और स्थानीय प्रशासन को बरसात से पहले उक्त जगह डंगे लगाने की कई बार गुहार लगाई लेकिन उसकी किसी ने सुनवाई नहीं की स निक्का अनुसार अधिग्रहित की गई उसकी भूमि में से निर्माण कम्पनी ने विभिन्न किस्मों के करीब चार सौ पेड़ जड़ों समेत उखाड़ लिए बदले में एक भी पेड़ का मुआवजा उन्हें नहीं दिया गया।

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पीड़ित किसान ने चेतावनी दी है कि उसके तीसरे अवार्डए पेड़ों का मुआवजा और भूस्खलन की भेंट चढ़ी उपजाऊ भूमि का शीघ्र मुआवजा प्रदान किया जाए अन्यथा वह निर्माण कार्य को रोकने के लिए मजबूर हो जाएगा। निक्का राम ने आरोप लगाया है कि निर्माण कंपनी ने आधी अधूरी प्रक्रिया के बीच ही उसकी भूमि को गहरी खाई में तब्दील कर यहां की मिट्टी को यहां वहां बिछाकर भारी चांदी लूटी है।

इस मामले पर संबन्धित विभाग और प्रशासन शीघ्र संज्ञान ले वर्ना उसे मजबूरन कोई ठोस कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा। गौरतलब है कि पीड़ित नूरपुर नगर परिषद के पूर्व नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष भी हैं। इस मामले में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विकास सुरजेवाला ने बताया कि इसकी लिखित शिकायत एनएचएआई अथॉरिटी को भेजी जाए। उन्होंने कहा कि एनएचएआई अपनी ही अधिग्रहित भूमि पर कार्य करवा रही है।

संवाददाताः विनय महाजन

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