लड़कियों को शिक्षित नहीं करना अफगान संस्कृति का हिस्सा : इमरान खान

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सदस्यों के हाल ही में संपन्न सम्मेलन में अफगान महिलाओं को निशाना बनाने वाली उनकी गलत टिप्पणी के लिए विश्व स्तर पर ट्रोल किया गया है। अल अरेबिया पोस्ट ने बताया कि बैठक में भाग लेने वाली पश्चिमी सरकारों के पर्यवेक्षक इमरान खान की उस टिप्पणी को भूला नहीं पा रहे, जिसमें उन्होंने कहा कि लड़कियों को शिक्षित नहीं करना अफगान संस्कृति का हिस्सा है। मीडिया आउटलेट ने यह भी बताया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के ऐसे बयान के बाद देश और विदेश में विशेष रूप से अफगानों द्वारा उन्हें निशाने पर लिया गया है। उन पर आरोप लगे हैं कि तालिबान को खुश करने के लिए उन्होंने अफगानिस्तान पर हमला बोला है।

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उम्मीद लगाई गई है कि इस्लामी राष्ट्रों के कुछ विदेश मंत्री जो अधिक प्रबुद्ध और विकसित समाजों का प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्होंने इमरान की टिप्पणी को अस्वीकार्य किया है। विशेष रूप से, पाकिस्तान चाहता है कि विश्व समुदाय अफगानों को उस दुख और मानवीय तबाही से उबारे, जो तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से तेज हो गया है। ह्यूमन राइट्स वाच के अनुसार, 2021 अफगान महिलाओं के लिए सबसे खराब वर्ष रहा है। क्योंकि तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के बाद अपने अधिकारों तक पहुंच वापस ले ली है। मिली जानकारी के अनुसार, ह्यूमन राइट्स वाच ने 2021 को महिलाओं के लिए ज्यादातर अफगानिस्तान के कारण दुर्भाग्यपूर्ण वर्ष करार दिया।ह्यूमन राइट्स वाच में महिला अधिकार प्रभाग की एसोसिएट निदेशक, हीथर बर्र ने मंगलवार को कहा कि तालिबान ने अफगान महिलाओं की उनके अधिकारों तक पहुंच को वापस ले लिया।

बता दें कि तालिबान ने काबुल शहर में स्टोर के सामने महिलाओं की तस्वीरों के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, काबुल नगर पालिका के प्रवक्ता नेमातुल्लाह बरकजई ने कहा कि सरकार ने नगर पालिका के अधिकारियों को काबुल में दुकानों और व्यापार केंद्रों के साइनबोर्ड पर महिलाओं की सभी तस्वीरें हटाने का आदेश दिया है। वहीं, महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए इस्लामिक अमीरात को अफगानिस्तान के अंदर और बाहर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।