चढ़ावे की रकम अपने निजी खाते में जमा करवाने वाला कर्मचारी हो सकता निष्कासित

एस के शर्मा । हमीरपुर

उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर के लिए दी गई रकम अपने खाते में जमा करवाने वाला एसडीएम कार्यालय बड़सर का कर्मचारी अपने गलत हरकत की वजह से फंस गया है। मंदिर न्यास कार्यालय बड़सर में दान की राशि अपने खाते में डालने वाले कर्मचारी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। हालांकि प्राथमिक जांच में उक्त कर्मचारी को दान के पैसों को अपने निजी खाते में डलवाने में दोषी पाया गया है व उससे दान के 25 हजार रूपए भी वसूले जा चुके हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि उसने दान के लिए श्रद्धालु को अपना निजी खाता क्यों दिया। पांच महीनों बाद जब रसीद न मिलने पर श्रद्धालु ने शिकायत की, तो उसने पैसे मंदिर न्यास प्रशासन को दिए गए। मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने इस मामले की जांच करने के बाद जांच रिपोर्ट उपायुक्त हमीरपुर कार्यालय भेज दी है। अब उपायुक्त कार्यालय इस मामले में आगामी फैसला करेंगे। गौर रहे कि उपायुक्त हमीरपुर मंदिर न्यास के आयुक्त, जबकि एसडीएम बड़सर मंदिर न्यास के अध्यक्ष हैं। इस मामले में एसडीएम बड़सर कार्यालय का कर्मचारी निष्कासित भी हो सकता है।

  • मंदिर न्यास के कर्मचारी से वसूली गई दान की राशि

बताते चलें कि पंजाब के लुधियाना के श्रद्धालु ने मार्च माह में 25 हजार रूपए की राशि चढ़ावे में जमा करवाने के लिए एसडीएम कार्यालय के कर्मचारी से मंदिर न्यास का अकाउंट नंबर मांगा था। लेकिन कर्मचारी ने अपना निजी अकाउंट नंबर भेज कर राशि जमा करवा ली। जब श्रद्धालु ने चढ़ावे की रसीद मांगी तो कर्मचारी सही उत्तर नहीं दे पाया। जिसके बाद श्रद्धालु ने फोन पर एसडीएम बड़सर को इस बारे में सूचना दी। मामला उजागर होते ही कर्मचारी ने मंदिर न्यास के खाते में राशि ट्रांसफर कर दी। एसडीएम बड़सर ने आरोपी कर्मचारी को अपने कार्यालय से हटाकर डिग्री कॉलेज में डेपुटेशन पर भेज दिया है।

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वहीं मंदिर न्यास के कार्यालय बड़सर में इससे पहले दान की कितनी राशि निजी खातों में जमा करवाई गई है, इसको लेकर भी श्रद्धालुओं में चर्चाओं का बाजार गर्म है। लोगों में चर्चा है कि लुधियाना के श्रद्धालु द्वारा दान देने के पांच महीने बाद भी रसीद न मिलने पर ये मामला पकड़ में आ सका है। इससे पहले न जाने कितने श्रद्धालु इस धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं। गौर रहे कि कुछ वर्ष पहले भी मंदिर न्यास में बकरा घोटाला, रसीद बुक मामला, राशन से संबंधित मामलों के कारण मंदिर न्यास की खूब फजीहत हो चुकी है। क्षेत्र के लोगों ने कहा कि इस सारे मामले से श्रद्धालुओं की भावना को ठेस लगी है। उन्होंने मंदिर न्यास प्रशासन व सरकार से मांग की है मंदिर में एक कमेटी का गठन किया जाए। कमेटी के द्वारा सभी मंदिर न्यास के कर्मचारियों के खातों की जांच करवाई जाए, की किस किस कर्मचारी को पंजाब के श्रद्धालुओं ने पैसे भेजे हैं। व इस मामले की कड़ी जांच करने की मांग की है।

उधर मंदिर न्यास अध्यक्ष एवं एसडीएम बड़सर प्रदीप कुमार ने बताया कि चढ़ावे की राशि कार्यालय के कर्मचारी के खाते में डालने के मामले में जांच की गई है। कर्मचारी ने राशि न्यास के खाते में जमा करवा दी है। उन्होंने कहा कि आरोपी कर्मचारी को कार्यालय से हटाकर डिग्री कॉलेज में भेजा दिया है। जांच की रिपोर्ट जिलाधीश हमीरपुर एवं मंदिर न्यास आयुक्त को भेज दी है।