नालागढ़ के दभोटा मे क्षतिग्रस्त पुल की तीन महीने बीत जाने बाद भी किसी ने नहीं ली सुध

उज्ज्वल हिमाचल। बदी

प्रदेश में चार माह पूर्व हुई प्राकृतिक आपदा ने पूरे प्रदेश को झांझोड़ कर रख दिया था। वही प्राकृतिक आपदा में बीबीएन क्षेत्र में हुए नुक्सान से भी सभी रूबरू है। हैरानी की बात तो यह है कि पूरे प्रदेश के लिए बीबीएन से करोंड़ों का रेवेन्यू जाता है। लेकिन अगर बीबीएन में विकास की बात की जाए तो बीबीएन क्षेत्र अभी भी कई मूलभूत सुविधाओं से पिछड़ा हुआ है।

चार माह पूर्व हुए प्राकृतिक आपदा में बीबीएन के अनेकों पुल और सड़कंे क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसमे पिंजौर नालागढ़ फोरलेन पर बने तीन बड़े पुलो का अभी तक कुछ नहीं हो पाया है। बीबीएन को हमेशा से सीमा वर्ती क्षेत्र होने का खामियाजा भुगतना पड़ता है। पिंजौर नालागढ़ मार्ग पर बने दो पुल हरियाणा और एक हिमाचल राज्य का पुल है। वही नालागढ़ भरतगढ़ ऊना मार्ग पर दभोटा के साथ बना पुल जो पंजाब में पड़ता है। जो की 9 जुलाई को ही धंस गया था उसके बाद इसके ऊपर से ट्रैफिक बंद कर दिया गया था। लेकिन साढ़े तीन माह बीत जाने के बाद भी किसी ने इसकी सुध ही नही ली।

फिलहाल एक अस्थाई रास्ता तो ग्रामीणों ने बना लिया लेकिन उस पर से बड़े वाहन लेजाना बहोत मुश्किल है और छोटे वाहन भी बड़ी मुश्किल से निकलते है। जिसके कारण वाहनों को घनौली ढेरोवाल होकर नालागढ़ जाना पड़ रहा है।जिससे आम लोगो के साथ साथ उधोगपति भी बुरी तरह से परेशान है। करीब ढाई तीन माह पहले चंडीगढ़ में तीन राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक हुई थी, लेकिन अभी तक उसका कोई असर नहीं दिखा।

इस पुल को लेकर लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष हरबंस पटियाल ने पुल के मुद्दे को लेकर कहा कि दभोटा पुल के धंसने के कारण करीब साढ़े तीन माह से उधोगपति परेशान है। दोनों राज्यों को आपस में इस मामले को शीघ्र निपटाना चाहिए। वही शिरोमणि अकाली दल सदस्य हिमाचल प्रदेश दलजीत सिंह बिंडर से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि बेहद खेद का विषय है कि इस आपदा को हुए तीन से चार महीने हो चुके है लेकिन पंजाब को नालागढ़ से जोड़ता यह मार्ग अभी भी इस आपदा का दंश झेल रहा है। लेकिन सरकार द्वारा इसकी मेनटेंस अभी तक नहीं की गई जिसके कारण आने जाने वाले लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

जब इस बारे में एसडीएम नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गत करीब ढाई माह पहले पड़ोसी राज्यों से संबधित पुलो सड़को को हुए नुकसान को लेकर चंडीगढ़ में तीनो राज्यो के मुख्य सचिवो की संयुक्त बैठक हुई थी जिसमे भारी बरसात के चलते हुए नुकसान पर विस्तार से चर्चा हुई थी जिसमे दभोटा पुल का मुदा भी प्रमुखता से उठाया गया था। जिसके बाद इसका आंकलन भी किया गया।शीघ्र ही पंजाब सरकार से दोबारा संपर्क किया जाएगा।ओर जल्द पुल को ठीक कर लोगो के आने जाने के लिए खोल दिया जाएगा

संवाददात: सुरेंद्र सिंह सोनी