इस जिला में आज भी ग्रामीण क्षेत्राें में सुविधाओं का टाेटा

अभी भी मरीज लाेगाें काे पीठ पर उठाने काे मजबूर ग्रामीण

शैलेष शर्मा। चंबा

जिला की चुराह विधानसभा क्षेत्र के दायरे में आने वाली पंचायत सनवाल के गांव मक्खन के दूर-दराज क्षेत्र के रहने वाले लोग अभी भी विकास को लेकर 100 साल पीछे है। यहां के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जिंदगी किसी जानवर से कम नहीं आंकी जा सकती है। बताते चले कि इस पंचायत में हजारों की संख्या में ग्रामीण लोग बसते है और खास बात इसमें यह भी है कि सनवाल पंचायत का ज्यादा तर क्षेत्र जम्मू-कश्मीर बॉर्डर के साथ लगने के साथ संवेदनशील भी है।

अगर हम बात करे यहां रहने वाले स्थानीय चुराह घाटी के लोगों की, तो उनके रहन सेहन उनका जीवन भगवान भरोसे ही है। सुविधाओं के नाम से सरकारी तंत्र बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता है। इस घाटी के रहने वाले गरीब लोग आज भी अपने वृद्ध माता-पिता हो या फिर कोई जवान उनको इलाज करवाने के लिए 8 से 10 किलोमीटर दूर पैदल पीठ पर उठाकर ले जाने को मजबूर है। ऐसा ही एक मामला यहां पर आज सुबह देखने को मिला, जिसमें एक बूढ़ी मां का बेटा अपनी 70, वर्षीय मां को इलाज करवाने अपने गांव मक्खन से तीसा हस्पताल ले कर जा रहा था।

इस बारे हमारे वहा पर कवरेज कर रहे सहयोगी ने इसकी संपूर्ण जानकारी हासिल की और उस पीड़ित परिवार का हाल पूछा। पीठ पर अपनी वृद्ध माता को उठाए उसके लड़के ने बताया कि हमारे गांव में सड़क सुविधा, तो दूर की बात बाकी की सुविधा नाम की कोई चीज हमारे इस इलाके में नहीं है और अपनी माता के इलाज के लिए हमे सड़क तक पहुंचने के लिए कम से कम चार से पांच किलोमीटर का सफर पैदल ही करना पड़ेगा।

आपको बता दें कि इस क्षेत्र का नेतृत्व हिमाचल सरकार के विधानसभा उपाध्यक्ष हंस के हाथों में जो कि सरकार में पावरफुल पोजिशन में है। बाबजूद इसके उनके चुराह घाटी के लोग जिन्होंने एक बार नही अपितु दो बार अपना समर्थन देते हुए इतने बड़े ओदे तक पहुंचाया हो तो उन ग्रामीण लोगों की ऐसी दुर्दशा उनको सवालाें के कटघरे में जरूर खड़ा करती है।