नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामला : सरकार पता लगाने में जुटी, कहां हो रही थी लेबलिंग

मध्य प्रदेश से जुड़े तार, उद्योग के सभी दस्तावेज कब्जे मं लिए

विनय महाजन। नूरपुर

नकली रेमडेसिविर वैक्सीन पर लगी लेबलिंग का मामला हिमाचल प्रदेश सरकार के लिए अब सिरदर्द का कारण वन गया है। सरकार ने इस मामले की रिपोर्ट गठित टीम से तलब की है । हिमाचल प्रदेश के औषधि नियत्रक नवनीत मरवाह ने मामले की पूरी जांच का उतरदायित्व कागड़ा के सहायक औषधि नियंत्रक आशीष रैना को दिया है। रैना का कहना है कि उद्योग के सभी दस्तावेज कब्जे में ले लिए गए हैं जब तक जाच पूरी नहीं होती तथा अगले आदेश तक उद्योग का उत्पादन बन्द कर दिया गया था। नुरपुर के औषधि निरीक्षक प्यार चद ठाकुर भी जांच के सदस्य हैं जो इस मामले को देख रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के गांव सूरजपुर मे दवा उद्योग पर नकली रेमडेसिविर दवाई वैक्सीन बनाने के आरोपों के बाद अब प्रदेश का सेहत विभाग इस मामले की छानबीन सबूतों के आधार पर करने मे जुटा है।

इस मामले की छानबीन नुरपुर के औषधि निरीक्षक प्यार चद ठाकुर व विभाग के असिस्टेंट ड्रग कंटरोलर आशीष कुमार व थाना प्रभारी डमटाल अन्य दलों के साथ कर रहे हैं कि सूरजपुर में बनी इस वैक्सीन की लेबलिंग कहा पर बनाई गई। इस पुष्टि के बाद ही असली हकीकत का पता चलेगा। इस विषय में जाच टीम ने मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग इंदौर के डाक्टर द्वारा हिमाचल के सूरजपुर मे नकली वैक्सीन बनाने से जुड़े मामले पर सरकार ने कड़ा सज्ञान लेने के बाद इसकी रिपोर्ट मागी है। भारतीय सरकार की गुप्तचर एजेंसियो के साथ साथ प्रदेश सरकार भी इस प्रकरण में तब जुटी जब यह मामला सामने आया है। सरकार के आदेश के बाद गठित टीमों का दल वददी व सूरजपुर मे अपनी कार्रवाई कर रहा है। मामला दवाई की लेवलिंग को लेकर कि लेवलिंग कहा पर हुई है यह विशेष मुद्दा है जो जाच मे अनेक पर के परतें खोलेगा। विभाग सभी तथ्यों पर जाच कर रहा हैं

इंदौर प्रशासन ने बताया था नकली

मध्य प्रदेश के इंदौर प्रशासन से प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को पता चला है कि करोना महामारी मे उपयोग होने वाली इस वैक्सीन की खेप इदौर में पकड़ी गई है जिसे इंदौर प्रशासन द्वारा नकली बताया गया है और इस वैक्सीन पर लगी लेबलिंग हिमाचल प्रदेश के सूरजपुर की बताई गई है उसके बाद प्रदेश का सेहत विभाग छापेमारी मे जुट गया है। अभी तक छापेमारी मे कोई ऐसा प्रमाण नहीं मिला कि वैक्सीन सूरजपुर में बनी है

विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि उद्योग के पास ऐसा कोई दस्तावेज नही है कि वो वैक्सीन का उत्पादन अपने उद्योग में कर सके । डमटाल के थाना प्रभारी हरिश गुलेरिया का कहना है कि मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस के साथ संपर्क किया जाएगा।