कृषि कानूनों के विरोध में राजभवनाें का घेराव करेंगे किसान

उज्जवल हिमाचल। नई दिल्ली

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसान संगठन आज देश भर के राजभवनों का घेराव करेंगे और राज्यपालों और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे। बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के सात महीने पूरे हो गए हैं। उऩ्होंने दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू बॉर्डर पर अपना आंदोलन शुरू किया था। राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर अन्य दो विरोध स्थल टिकरी और गाजीपुर हैं। इस दौरान दिल्ली-गाजियाबाद की सीमा यूपी गेट पर किसानों का ट्रैक्टर मार्च भी होगा।

हरियाणा: पंचकूला के नाडा साहिब गुरुद्वारा के पास राजभवन की तरफ मार्च के लिए किसान इकट्ठे हुए। डीसीपी ने बताया, ‘किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। हमारे पास पर्याप्त सुरक्षाबल हैं। आशा है कि आज के सभी कार्यक्रम बिना कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब किए होंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर टिकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। किसान आज देशभर में राज्यपाल को ज्ञापन देंगे। किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर किसानों ने लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन किया। किसान नेता राजेश सिंह चौहान ने बताया कि एक वर्ष से देश में अघोषित आपातकाल लगा है। इसके विरोध में हम आज राज्यपाल के जरिए राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे। क्योंकि किसानों का गेहूं मंडियों में सड़ रहा है।

किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो ने शनिवार को येलो लाइन पर तीन मुख्य स्टेशनों को चार घंटे के लिए बंद करने का फैसला किया है। डीएमआरसी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की सलाह के अनुसार सुरक्षा कारणों से येलो लाइन के तीन मेट्रो स्टेशन, विश्वविद्यालय, सिविल लाइन और विधानसभा कल सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक लोगों के लिए बंद रहेंगे। भारतीय किसान संघ के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसान फिर से भारी संख्या में गाजीपुर सीमा पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान तीन केंद्रीय कानूनों को रद करने की मांग को लेकर पिछले वर्ष 25 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जून को किसानों के प्रतिनिधि विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपेंगे। दिल्ली का राज निवास सिविल लाइंस इलाके में स्थित है। खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली पुलिस और सीआइएसएफ को किया अलर्ट। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर कृषि कानून विरोधी आंदोलन में खलल डाल सकते हैं उपद्रवी। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों को उकसा सकते हैं, ताकि स्थितियां हाथ से बाहर निकल जाएं। इस अलर्ट के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।