एनपीएस कर्मचारियों पर एफआईआर, राज्य विद्युत कर्मचारी यूनियन ने जताया एतराज

विनय महानज। नूरपुर

हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत कर्मचारी यूनियन के राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष पवन मोहल् ने कहा कि एनपीएस कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों पर की गई एफआईआर की यूनियन घोर निंदा करती है। कर्मचारियों नेताओं पर इस तरह की एफआईआर दर्ज करना सरकार की बौखलाहट को दर्शाता है। क्योंकि जिस तरह से करीव 70 से 80 हजार कर्मचारियों ने शिमला में पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर के जो प्रदर्शन में किया। यह प्रदर्शन ट्रेड यूनियन के इतिहास में हिमाचल प्रदेश में होने वाले सभी प्रदर्शनों से बड़ा प्रदर्शन था। यह प्रदर्शन इसलिए भी बड़ा माना जाता है की इतनी बडी तादाद में कर्मचारियों की वहां पर मौजूदगी और एक कांच का शीशा तक नहीं टूटा और कर्मचारियों द्वारा किसी भी पुलिस के कर्मचारी या अधिकारी के साथ धक्का-मुक्की या कोई गाली गलौच नहीं किया। बड़ी शालीनता के साथ बड़े सभ्य तरीके से कर्मचारियों ने अपना प्रदर्शन शिमला में किया।

मगर पुलिस प्रशासन द्वारा कर्मचारियों के ऊपर पानी की बौछारें की गई महिला कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की की गई ।कइ महिलाओं को चोटे भी आई। इसके बावजूद कर्मचारियों ने अपने संयम को अपने धैर्य को बनाए रखा। इसके बावजूद भी कर्मचारी नेताओं पर एफ आई आर दर्ज करना सरासर गलत है यूनियन की मांग करती है कि प्रदेश सरकार इन एफ आई आर ओ को तुरंत प्रभाव से निरस्त करें। माननीय मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर जी से हम कहना चाहते हैं कि ठाकुर जी हिमाचल प्रदेश में जब करोना काल आया तो इन्हीं कर्मचारियों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर के। अपने धर परिवारों को छोड़ कर के। बिजली कर्मचारियों ने लोगों के घरों तक बिना रुकावट के 24 घंटे बिजली की सुविधा उपलब्ध करवाई। वाटर सप्लाई वाले कर्मचारियों ने बिना रुके रोजाना प्रदेश के लोगों को पानी मुहैया करवाया।

हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने लोगों के लिए 24 आवर हॉस्पिटल खोल के रखे डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज किया ।नर्सों ने इंजेक्शन लगाए। तो फिर यह कर्मचारी आज की तारीख में वैगाने कैसे हो गए। लोग जब एक दूसरे से मिलना तो दूर की बात किसी से बात करना पसंद नहीं करते थे इन्हीं कर्मचारियों ने लोगों के घरों में जाकर के लोगों को दवाइयां दी लोगों का टीकाकरण किया। और हिमाचल प्रदेश को देश का प्रथम राज्य बनाया जिसने 100 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त किया तो इन्हीं कर्मचारियों की बदौलत यह सब संभव हुआ । और जो आदेश सरकार द्वारा जारी किए गए हैं कि कोई भी कर्मचारी संगठन अपनी बात को रखने के लिए धरना प्रदर्शन नहीं कर सकता। हमारी यह भी मांग रहेगी कर्मचारियों के अधिकारों के साथ इस तरह के तानाशाही तुगलकी फरमानो को तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए। अगर एनपीएस के कर्मचारी नेताओं पर की गई है। एफआईआर को सरकार वापस नहीं लेती है। तो हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत कर्मचारी यूनियन पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगी।