IGMC मानवता का मंदिर, न बनने दें राजनीति का अखाड़ा: वीरभद्र सिंह

रैन बसेरे के टेंडर को लेकर अस्पताल प्रशासन पर भडक़े पूर्व मुख्यमंत्री

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। शिमला

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आईजीएमसी प्रशासन से कहा है कि वह मानवता के मंदिर व केंसर अस्पताल को राजनीति का अखाड़ा न बनने दे। वीरभद्र सिंह ने प्रसिद्ध समाजसेवी सरबजीत सिंह उर्फ बॉबी की कैंसर अस्पताल को निशुल्क दी जा रही उनकी सेवाओं की सराहना करते हुए कहा है उनका सेवा भाव औरों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई है जिसमें उन्हें 6 साल पूर्व आवंटित किए गए रैन बसेरे को गुपचुप तरीके से टेंडर करने व किसी ओर को आवंटित किया जा रहा है। उन्होंने इस निर्णय की आलोचना करते हुए कहा है कि की यह गुरुसेवक बॉबी के साथ अन्याय है।

कानून के तहत सरबजीत बॉबी को रैन बसेरे के टेंडर

उन्होंने कहा है कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने आईजीएमसी में विशेष तौर पर केंसर अस्पताल में रोगियों और उनके परिजनों की निशुल्क सेवा भाव को देखते हुए पूरे कायदे कानून के तहत सरबजीत सिंह को रैन बसेरा आवंटित किया गया था। उन्होंने कहा कि सरबजीत सिंह की सेवाभाव को देखते हुए देश के राष्ट्रपति ने भी इन्हें सम्मानित किया है। ऐसे में एक सच्चे समाजसेवी के साथ इस प्रकार का कोई भी अन्याय उनका समाजसेवा के प्रति अपमान है। उन्होंने कहा है कि सरबजीत सिंह आईजीएमसी के साथ साथ कमला नेहरू अस्पताल में भी अपनी निशुल्क सेवाएं दे रहें हैं, ऐसे में उनका इस कार्य के लिए सम्माम किया जाना चाहिए न कि कोई अपमान। बॉबी रोगियों को निशुल्क भोजन के साथ साथ रहने, लाने ले जाने की पूरी व्यवस्था के प्रति दिन रात लगे रहते हैं। ऐसे में उनके इस मनोबल को भी ठेस पहुंचने के प्रयास नही किए जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मामले को गंभीरता से लें

वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से इस पूरे मामले को गंभीरता से लेने को कहा है। उन्होंने कहा है कि आईजीएमसी ने बॉबी के जिस रैन बसेरे का जो टेंडर जारी किया है उसे तुरंत रद्द किया जाए और उनके अनशन को को समाप्त करवाया जाए।उन्होंने कहा है कि मानवता की सेवा में निशुल्क दिन रात जुटे सरबजीत सिंह के साथ किसी भी प्रकार का न तो कोई भेदभाव किया जाना चाहिए और न ही किसी प्रकार का उत्पीडऩ।