प्रदेश में न्याय के लिए आज भी तरस रही गुड़िया

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

जहां देश हाथरस में एक बेटी के साथ हुई दरिंदगी को लेकर गुस्से से उबल रहा है,वहीं हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में वर्ष 2017 में घटित गुड़िया प्रकरण में इस बेटी को न्याय नहीं मिल पाया है। इसको लेकर विश्व हिंदू परिषद हिमाचल प्रदेश ने कड़ा रोष व्यक्त किया है। विहिप ने कहा कि कानून मानव के लिए बना है और दानवों के लिए कोई कानून नहीं होता है। विश्व हिंदू परिषद हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रदेश सरकार से गुड़िया प्रकरण में जल्द से जल्द असली गुनहगारों को पकड़ कर फांसी की सजा देने की अपील की है।

विश्व हिंदू परिषद हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष लेखराज राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में घटित गुड़िया दुष्कर्म मामले में अभी भी गुड़िया न्याय के लिए तरस रही है। राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में वर्ष 2017 में हुए गुड़िया केस में आज तक असली अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि गुड़िया और उसका परिवार आज भी इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा है। उन्होंने कहा कि कानून सिर्फ मानवों के लिए बनाया गया है। दानवों के लिए कोई भी कानून नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि गुड़िया के हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ कर फांसी की सजा दी जाए,जिससे बेटियों को दरिंदे नोच-नोच कर ना खाएं।

क्या है मामला
मामले में नाबालिग लड़की 4 जुलाई 2017 को स्कूल गई थी, लेकिन घर वापस नहीं आई। उसका शव जंगल क्षेत्र से 6 जुलाई 2017 की सुबह मिला। उसके पिता की ओर से पुलिस स्टेशन कोटखाई में दर्ज शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके व्यापक स्तर पर कई जगह घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। अब तक इस मामले में स्थानीय पुलिस की ओर से छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से एक की पुलिस हिरासत में कथित रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या हो गई थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस की ओर से अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले में सीबीआई की टीम के द्वारा जांच की गई थी।