दूसरे दिन भी हड़ताल के चलते यहां पर सरकारी बैंक रहे बंद

कहा, सरकार नहीं मानी ताे कर्मचारी जाएंगे अनिश्चितकालीन पर हड़ताल पर

सुरिंद्र सिंह साेनी। नालागढ़

बैंकों के कर्मचारियों के संगठन यूएफबीयू के आह्वान पर दूसरे दिन भी बद्दी व नालागढ़ में सरकारी क्षेत्र के सभी बैंक पूरी तरह बंद रहे और कोई किसी प्रकार का लेन-देन नहीं हुआ। इसके चलते लोगों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। सुबह 10 बजे ही सभी बैंकों के कर्मचारी अधिकारी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया तथा इंडियन बैंक की शाखा के सामने जमा हुए एवं रोष प्रदर्शन किया तथा सरकार की ओर से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजी हाथों में सौंपने की नीति के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की।

इस अवसर पर भारतीय स्टेट बैंक के अश्वनी घई ने कहा सभी कर्मचारी एवं अधिकारी सरकार की निजीकरण की नीति का विरोध करते हैं। यदि सरकार नहीं मानती तो हो सकता है बैंक कर्मचारियों को अनिश्चितकालीन पर हड़ताल पर जाना पड़ सकता है। इसकी सारी जि मेदारी सरकार की होगी। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंधक प्रेम यादव ने कहा निजीकरण के पश्चात आम आदमी को बैंकिंग सुविधाएं सुलभ नहीं रह जाएंगे।

क्योंकि निजी बैंकों मैं खाता खोलने के लिए कम से कम 10 हजार की राशि चाहिए, जबकि सरकारी बैंकों में जीरो बैलेंस और जन-धन खाते खोले गए हैं, जिसका लोगों को लाभ मिला है। इसके अतिरिक्त स्वनिधि और मुद्रा लोन जैसी योजनाएं निजी क्षेत्र के बैंक में उपलब्ध नहीं होगी। इस अवसर पर अश्वनी घई, प्रेम यादव नरेश ठाकुर, मोहन कुमार ,हनी कुमार, सुशांत कुमार व बलबीर सिंह सहित अनेक बैंक कर्मचारी उपस्थित थे।

उधर, बद्दी में सरकारी बैंक बंद रहे। अखिल भारतीय पंजाब नेशनल बैंक ऑफिसर फेडरेशन के राष्ट्रीय सहायक महासचिव तरूण कुमार सिंह के नेतृत्व में रोहित शर्मा, संजीव कुमार, प्रेमशकंर, पवन कुमार, नरेंद्र चौहान, हेमराज, योगेश, अक्षित व विजय कुमार ने निजीकरण के विरोध में जम कर नारेबाजी की।