स्कूलों में बच्चों को वर्दियां के आबंटन पर सरकार एवं विभाग की नहीं है कोई दिलचस्पी

चैन सिंह गुलेरिया। जवाली

पूर्व पंचायत समिति सदस्य एवं वर्तमान उपप्रधान साधू राम राणा ने प्रेस वार्ता में कहा कि स्कूलों में जब बच्चों को वर्दियां देने की प्रथा शुरू हुई थी तो शिक्षा सत्र शुरू होने उपरांत लगभग तीन माह के भीतर बच्चों को वर्दियां एवं वर्दियों के सिलाई के पैसों का भुगतान किया जाता रहा है। लेकिन पिछले चार बर्ष का रिकॉर्ड देखा जाए तो कभी भी नियमित रूप से स्कूलों में बच्चों को वर्दियां का आबंटन होते नहीं देखा गया है। अगर इस बर्ष का रिकॉर्ड ही देखा जाए तो शिक्षा सत्र समाप्त होने के कगार पर पहुंच गया है लेकिन अभी तक स्कूलों में बच्चों को वर्दियां नहीं बंटी है।

इस मामले में लेट लतीफी से अच्छा है कि स्कूली बच्चों को वर्दियों की कीमत एवं सिलाई के पैसों को जोड़कर कुल राशि का भुगतान एकमुश्त करने की व्यवस्था लागू की जाए ताकि स्कूली बच्चे खुद ही समय पर स्कूली वर्दियां बना कर पहन सकें। इसी प्रकार छात्रवृत्ति राशि एवं लेपटॉप वितरण जैसी सुविधाएं भी धीमी गति से स्कूली छात्राओं को मिलना आम बात हो चुकी है। अतः सरकार एवं शिक्षा विभाग से मांग की जाती है स्कूली छात्राओं के हित की लाभकारी योजनाओं को धरातल पर सरल प्रणाली से लागू करने की व्यवस्था तैयार की जाए ताकि स्कूली बच्चे लाभकारी योजनाओं से निर्धारित समय के भीतर लाभान्वित होते रहें।